रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
India Russia News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर भारी टैरिफ लगाए हैं। साथ ही, अमेरिका भारत पर दबाव बना रहा है कि वह रूस से तेल खरीदना बंद करे। इस मुद्दे पर गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कड़ा बयान दिया। पुतिन ने कहा कि अमेरिका भारत और चीन पर रूस के साथ ऊर्जा सहयोग खत्म करने का दबाव डाल रहा है, जो गलत है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के कदम पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर नुकसान का कारण बन सकते हैं।
रूस के सोची शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि जो देश रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं, उन पर लगाए गए ऊंचे टैरिफ वैश्विक बाजार में कीमतें बढ़ा देंगे। इसके चलते अमेरिकी फेडरल रिजर्व को ब्याज दरें ऊंची बनाए रखनी पड़ेंगी, जिसका सीधा असर अमेरिका की आर्थिक वृद्धि पर पड़ेगा और विकास की रफ्तार धीमी हो जाएगी।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ होंगे फेल। उनका कहना था कि यूरोप की तरह नहीं, बल्कि भारत और चीन ऐसे देश हैं जो अपने सम्मान की रक्षा करना जानते हैं। पुतिन ने जोर देते हुए कहा कि भारत कभी भी किसी अपमान को स्वीकार नहीं करेगा। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रूस पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद अपनी अर्थव्यवस्था में सकारात्मक विकास बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत की नीतियों की प्रशंसा करते हुए व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि भारत बाहरी दबावों के आगे झुकने वाला देश नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपनी गरिमा और स्वाभिमान से समझौता कभी नहीं करेगा। पुतिन ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे, जिससे भारत का सम्मान कम हो।
पुतिन ने आगे कहा कि अगर डोनाल्ड ट्रंप पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति बने होते तो यूक्रेन में जारी युद्ध टल सकता था। उन्होंने मौजूदा हालात को न केवल यूक्रेन बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी त्रासदी बताया। पुतिन ने ट्रंप की मध्य पूर्व से जुड़ी पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह शायद आगे चलकर उम्मीद की किरण साबित हो सकती हैं।
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आक्रामक माहौल के बीच पुतिन ने ब्रिक्स देशों और अन्य सहयोगी राष्ट्रों की सराहना की, जिन्होंने रूस की शांति पहल को समर्थन दिया। पुतिन ने कहा कि आज की दुनिया में कोई भी शक्ति ऐसी नहीं है, जो सभी पर अपनी शर्तें लागू कर सके, क्योंकि हर ताकत की अपनी एक सीमा होती है। इसी दौरान क्रेमलिन ने पुष्टि की कि पुतिन दिसंबर में भारत की यात्रा करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर बैठक करेंगे।