
शिक्षा (सौ. फ्रीपिक)
Year Ender 2025: साल 2025 में करियर या शिक्षा के क्षेत्र में कई चुनौतियां आईं तो दूसरी तरह प्रगति भी हुई। इस दौरान स्किल, डिजिटल संसाधनों का विस्तार और रिसर्च आधारिक योजनाएं पर जोर दिया गया। लेकिन वहीं दूसरी तरफ खराब मौसम, तकनीकी समस्या की वजह से कई छात्रों के सीखने का अनुभव प्रभावित हुआ।
इस साल भारतीय शिक्षा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले। इस वर्ष अनेक सुधार, डिजिटल पहलों और नई नीति के साथ ही कुछ गंभीर चुनौतियां भी सामने आईं जिन्होंने छात्रों शिक्षकों और संस्थाओं को प्रभावित किया।
सबसे प्रमुख सकारात्मक घटनाओं में सीबीएसई द्वारा बोर्ड परीक्षा में कौशल आधारित और क्षमता-आधारित प्रश्नों को शामिल करना शामिल है। जिससे छात्रों की व्यावहारिक समझ और विश्लेषण क्षमता को बढ़ावा मिला। समान रूप से NCERT द्वारा डिजिटल लैब सिमुलेशन और इंटरैक्टिव ई-बुक्स की शुरुआत से कक्षा पर्यंत प्रयोगात्मक शिक्षा को सहज बनाया गया।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ऐसे विश्वविद्यालयों के लिए अतिरिक्त शोध अनुदान की घोषणा की जो AI-सशक्त शिक्षण, वर्चुअल लैब्स और नवीन शिक्षण मॉड्यूल को अपनाते हैं। जिससे उच्च शिक्षा में तकनीकी और अनुसंधान-आधारित वातावरण को बढ़ावा मिले। इसके अलावा प्रमुख तकनीकी संस्थानों जैसे IITs और NITs ने AI, ग्रीन हाइड्रोजन, रोबोटिक्स और जलवायु तकनीक जैसे क्षेत्रों में पाठ्यक्रम शुरू किए। जिससे छात्रों के करियर विकल्प और व्यापक कौशल में वृद्धि हुई।
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हालाँकि सकारात्मक प्रगति के बीच कई कठिनाइयां भी सामने आईं। उत्तर भारत में कड़े ठंड के कारण कई स्कूलों को बंद करना पड़ा जिससे पढ़ाई में व्यवधान आया। कुछ राज्य बोर्डों ने परीक्षाओं को मौसम और प्रशासनिक कारणों से स्थगित किया जिससे विद्यार्थियों की तैयारी पर असर पड़ा।
डिजिटल साक्षरता का अंतर या डिजिटल विभाजन ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों के लिए अभी भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। जिससे समान शिक्षा अवसर की खाई और गहरी हुई। संशोधित पाठ्यपुस्तकों और सिलेबस में देरी ने भी कुछ इलाकों में परीक्षाओं की तयारी को प्रभावित किया।
अगर हम पूरे साल का एनालिसिस करें तो इस साल भारतीय शिक्षा प्रणाली में कई सुधार देखने को मिले। लेकिन समय के साथ यह भी समझ आया कि बेहतर भविष्य के लिए समावेशी, तकनीकी समर्थ और पारदर्शी शिक्षा व्यवस्था के लिए और प्रयास करने की जरूरत है।






