(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Retail Inflation July 2025: देश में खाने-पीने की चीजें सस्ती रहने से लगातार महंगाई दर कम हो रही है। जुलाई 2025 में यह और धीमी पड़ गई। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई दर जुलाई में घटकर 1.55 फीसदी हो गई, जो जून में 2.1 फीसदी थी। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि यह जून 2017 के बाद सबसे कम सालाना महंगाई दर है।
मंत्रालय द्वारा जारी किए अधिकारिक डेटा के मुताबिक, यह लगातार नौवां महीना है जब खाने-पीने के सामानों की कीमतों में गिरावट आई है। इसके साथ ही महंगाई अब भारतीय रिजर्व बैंक के तय 2-6 प्रतिशत के लक्ष्य दायरे से काफी नीचे आ गई है। पिछले महीने यानी की जून 2025 में यह 2.1 प्रतिशत रहा था।
प्रमुख श्रेणियों में भारी गिरावट के कारण खाद्य महंगाई जुलाई में और गिरकर 1.76 फीसदी पर आ गई, जो पिछले महीने 1.06 फीसदी थी। सब्ज़ियों के भाव महीने-दर-महीने -19 प्रतिशत से घटकर 20.69 प्रतिशत हो गई, जबकि दालों की महंगाई 11.76 प्रतिशत से घटकर 13.76 प्रतिशत हो गई। फ्यूल और लाइट महंगाई जून के 2.55 से बढ़कर 2.67 प्रतिशत हो गई और आवास महंगाई 3.24 से थोड़ी कम होकर 3.17 प्रतिशत हो गई। कपड़ों और जूतों की महंगआई भी पिछले महीने के 2.55 प्रतिशत से घटकर 2.50 प्रतिशत हो गई।
जुलाई में महीने में ग्रामीण महंगाई 1.18 प्रतिशथ रही, जो जून में 1.72 फीसदी थी, जबकि शहरी महंगाई 2.56 फीसदी से से घटकर 2.05 फीसदी हो गई। लेटेस्ट आंकड़े आठ वर्षों में सबसे कम महंगाई के आंकड़े दर्शाते हैं, जिसमें खाद्य महंगाई जनवरी 2019 के बाद से सबसे निचले स्तर पर है। कीमतों में नरमी का रुझान मूल्य स्थिरता के मोर्चे पर और राहत प्रदान करता है, हालांकि कुछ कैटेगरी में अभी भी अस्थिरता बनी हुई है।
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आनंद राठी ग्रुप के चीफ इकोनॉमिस्ट और कार्यकारी निदेशक सुजन हाजरा ने कहा कि आरबीआई ने पहले ही 12 महीने का पूर्वानुमान कम कर दिया है, जिससे आगे दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है, खासकर जब अमेरिकी टैरिफ जीडीपी वृद्धि में 30-40 आधार अंकों की कमी ला सकते हैं। हालांकि कम दरें इक्विटी और लोन को सहारा देती हैं, लेकिन कम महंगाई नाममात्र जीडीपी, आय, कर राजस्व और लोन वृद्धि को सीमित कर सकती है। उन्होंने आगे कहा कि फिर भी, कीमतों में नरमी और मजबूत वास्तविक वृद्धि भारत के वित्तीय बाजारों के लिए मोटे तौर पर सकारात्मक बनी हुई है।