(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Income Tax Exemption: सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने मंगलवार को सॉवरेन वेल्थ फंड्स (SWFs) और पेंशन फंड्स को लेकर एक बड़े राहत का ऐलान किया है। दरअसल सीबीडीटी ने इन फंड्स को इनकम टैक्स छूट का लाभ लेने की डेडलाइन 6 साल के लिए और बढ़ा दी है। अब यह छूट 2030 तक लागू रहेंगे। यह फैसला इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 10(23FE) के तहत लिया गया है, जो कुछ खास विदेशी निवेशकों को भारत में किए गए इन्वेस्टमेंट पर टैक्स छूट देता है। इस फैसले के पीछे का उद्देश्य यह है कि लॉन्ग टर्म के विदेशी निवेश को आकर्षित करना और इंफ्रास्ट्रक्चर व डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को गति देना है।
सरकार को उम्मीद है कि इस छूट से सॉवरेन वेल्थ फंड्स और पेंशन फंड्स भारत के हाईवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, रियल एस्टेट और एनर्जी प्रोजेक्ट जैसे सेक्टर में बड़े स्तर पर कैपिट इंवेस्ट करेंगे, जिससे देश में रोजगार की संख्या बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
बता दें कि इस फैसले से लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों (सॉवरेन हेल्थ फंड्स और पेंशन फंड्स) को भारत में किए गए योग्य इंवेस्टमेंट पर लाभ मिलेगा। इसमें 31 मार्च 2030 तक टैक्स छूट का लाभ लेने का कानूनी तौर पर इजाजत देता है। इससे पहले वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने इसी साल जुलाई में नोटिफिकेशन जारी कर ऐसे ही छूट की डेडलाइन बढ़ाई थी। यह घोषणा सरकार ने इस साल के केंद्रीय बजट में की थी, जिसे अब औपचारिक रुप से लागू किया गया है।
इनकम टैक्स की धारा 10 (23FE), जिसे साल 2020 में लागू किया गया था, के तहत अधिसूचित सॉवरेन वेल्थ फंड्स और पेंशन फंड्स को खास छूट दी गई है। इसके अनुसार, यदि ये फंड्स निर्धारित इंफ्रास्ट्रक्चर कारोबार में निवेश करते हैं, तो उन्हें उस निवेश से मिलने वाले डिविडेंड, ब्याज और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स नहीं दोना होगा। हालांकि, कुछ, उद्योग जगत के जानकारों का कहना था कि यह छूट और भी लंबे समय के लिए दी जानी चाहिए थी, क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स आमतौर पर कई दशकों तक चलते हैं।
इस तरह के होने वाले इनकम पर दिए गए टैक्स छूट का असर हाल के वर्षों में स्पष्ट रूप से देखा गया है। सॉवरेन वेल्थ फंड्स और पेंशन फंड्स के डायरेक्ट इंवेस्टमेंट 2021 में 3.979 अरब डॉलर से लगभग दोगुना बढ़कर 2022 में 6.712 अरब डॉलर तक पहुंच गए। NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, भारती कंपनियों में ऐसे फंड्स की एसेट्स् अंडर कस्टडी अप्रैल 2024 को समाप्त 12 महीनों में साल-दर-साल 60 प्रतिशत बढ़कर 4.7 लाख करोड़ रुपये हो गई।
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अब केंद्र सरकार ने करीब 35 सॉवरेन वेल्थ और पेंशन फंड्स को इस टैक्स छूट के लिए अधिसूचित किया है। इनमें सऊदी अरब का समा फॉरेन होल्डिंग्स, सिंगापुर के GIC और टेमासेक, कुवैत इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और नॉर्वे का गवर्मेंट पेंशन फंड जैसे बड़े निवेशक शामिल हैं।