
वोटर लिस्ट से नाम कटने पर ममता बनर्जी का अब तक का सबसे भड़काऊ बयान (फोटो- सोशल मीडिया)
Mamata Banerjee Controvesrsial Remark on SIR: पश्चिम बंगाल की राजनीति एक बार फिर उबल पड़ी है। कृष्णानगर में एक रैली के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एसआईआर और वोटर लिस्ट को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसने सियासी पारा आसमान पर पहुंचा दिया है। ममता ने सीधे तौर पर महिलाओं को ललकारते हुए कहा कि अगर वोटर लिस्ट से उनका नाम काटा गया, तो वे चुप न बैठें। उन्होंने माताओं और बहनों को याद दिलाया कि उनकी रसोई में हथियार मौजूद हैं और अब लड़ाई आर-पार की होगी।
ममता बनर्जी ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर चुनाव के दौरान दिल्ली से पुलिस बुलाकर डराने-धमकाने की कोशिश की गई, तो बंगाल की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने एक नई रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि अगर संघर्ष की नौबत आई, तो महिलाएं सबसे आगे रहकर मोर्चा संभालेंगी और पुरुष उनके पीछे खड़े होकर उनका साथ देंगे। सीएम का यह तेवर बता रहा है कि राज्य में वोटर लिस्ट समीक्षा को लेकर चल रही रस्साकशी अब या हो सकता है आगे गंभीर रूप ले सकती है।
रैली में ममता बनर्जी ने बीजेपी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि मैं देखना चाहती हूं कि ज्यादा ताकतवर कौन है, बंगाल की महिलाएं या भारतीय जनता पार्टी। उन्होंने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वे सांप्रदायिकता की राजनीति करते हैं, जबकि मेरा विश्वास धर्मनिरपेक्षता में है। ममता ने आरोप लगाया कि चुनाव आते ही बीजेपी पैसे के दम पर और दूसरे राज्यों से लोगों को लाकर यहां की जनता को बांटने की साजिश रचती है, जिसे यहां के लोग कभी सफल नहीं होने देंगे।
यह भी पढ़ें: ‘3 बार वोट नहीं दिया तो हमेशा के लिए काट दें नाम’, संसद में हनुमान बेनीवाल की इस मांग से खलबली
धर्म के नाम पर हो रही राजनीति पर भी ममता ने खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि हम सब जरूरत पड़ने पर घर में गीता का पाठ करते हैं, लेकिन इसके लिए सार्वजनिक तमाशा क्यों किया जा रहा है? ईश्वर तो हमारे दिल में बसते हैं। जो अल्लाह की इबादत करते हैं, वे भी दिल से दुआ मांगते हैं। ममता ने सवाल उठाया कि जो लोग गीता का शोर मचा रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि क्या उन्हें भगवान कृष्ण का असली संदेश पता है? धर्म का मतलब पवित्रता और शांति है, हिंसा या विभाजन नहीं।






