फाइटर जेट ( सोर्सः सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: ताइवान पर कब्जा जमाने की चीन की बेचैनी किसी से छिपी नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चीन के लड़ाकू विमान अक्सर ताइवान की सीमा का उल्लंघन करते हुए उसे धमकाने की कोशिश करते हैं। ऐसा ही एक मामला 16 फरवरी को सामने आया जब ताइवान ने अपने इलाके के पास 24 चीनी सैन्य विमानों की मौजूदगी का पता लगाया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, जब चीन के ये फाइटर जेट उसकी सीमा में घुसे, उसी दौरान एक कनाडाई युद्धपोत भी ताइवान स्ट्रेट से गुजर रहा था।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चीनी सेना के लड़ाकू विमान और ड्रोन ताइवान के आसपास सैन्य जहाजों के साथ मिलकर संयुक्त युद्ध तैयारी गश्त (Joint Combat Readiness Patrol) कर रहे थे। इस बीच, ताइवानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान स्ट्रेट से गुजर रहे एक कनाडाई युद्धपोत को चीन की सेना ने रेडियो संदेश भेजकर मार्ग बदलने की चेतावनी भी दी।
ताइवान के विदेश मंत्रालय के अनुसार, हैलिफ़ैक्स-क्लास फ्रिगेट एचएमसीएस ओटावा इस वर्ष जलमार्ग से गुजरने वाला पहला कनाडाई युद्धपोत था। यह यात्रा उस समय हुई जब कुछ दिन पहले ही दो अमेरिकी जहाज, एक नौसैनिक विध्वंसक और एक सर्वेक्षण पोत उसी मार्ग से गुजरे थे।
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अमेरिका और उसके सहयोगी ताइवान स्ट्रेट, जो 180 किमी (112 मील) लंबा जलमार्ग है, जो अक्सर उधर से ही गुजरते हैं ताकि इसे अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र के रूप में स्थापित किया जा सके। हालांकि, चीन इस कदम पर असंतोष जताता है। हाल ही में, सोमवार से एक अमेरिकी युद्धपोत और महासागर सर्वेक्षण जहाज ने इस मार्ग से यात्रा की, जिसके बाद चीन की सेना ने इसकी निंदा की। चीन ने कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ “गलत संदेश भेजती हैं और क्षेत्र में सुरक्षा जोखिम बढ़ाती हैं।”
ताइवान के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार रात 10 बजे (जीएमटी) तक 48 घंटों में द्वीप के पास 62 चीनी सैन्य विमानों की उपस्थिति दर्ज की गई। ये विमान अमेरिकी जहाजों के मार्ग के करीब देखे गए। यह घटना उस समय हुई जब वॉशिंगटन ने ताइवान स्ट्रेट से एक नया रास्ता अपनाया, जो जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पदभार संभालने के बाद पहली बार था। इस कदम से पहले, ट्रम्प और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने एक संयुक्त बयान में कहा था कि वे ताइवान स्ट्रेट में किसी भी पक्ष द्वारा बल या दबाव के जरिए यथास्थिति में एकतरफा बदलाव के प्रयासों का विरोध करते हैं।