पाक सेना ने पीओके में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की (सोर्स- सोशल मीडिया)
PoK Protest: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। बीते बुधवार को लगातार तीसरे दिन हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण थे, लेकिन फिर भी पाकिस्तानी सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी कर दी। इस हिंसा में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
ये प्रदर्शन मुख्य रूप से मुजफ्फराबाद और पोंजाक जैसे इलाकों में हो रहे हैं, जहां प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच जमकर झड़पें हुईं। यह आंदोलन संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) के नेतृत्व में चल रहा है। JAAC ने अपनी 38 बिंदुओं वाली मांगों की सूची पेश की है, जिसे ‘सेल्फ-रूल चार्टर ऑफ डिमांड्स’ कहा गया है। इन मांगों में स्थानीय लोगों को बुनियादी नागरिक अधिकार, अपने संसाधनों पर हक और बेहतर राजनीतिक प्रतिनिधित्व शामिल हैं।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सेना और सरकार लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। JAAC ने आरोप लगाया है कि मुजफ्फराबाद में लोगों की मौत के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स जिम्मेदार हैं, जबकि अन्य इलाकों में सेना ने नागरिकों पर गोली चलाई।
तीन दिन से चल रहे इस आंदोलन से जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है। बाजार, दुकानें और सार्वजनिक वाहन बंद हैं। लोग सरकार और सेना के दमनकारी रवैये से बेहद नाराज़ हैं। बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधकों को हटाने के लिए पुलों पर रखे भारी कंटेनरों को नदी में फेंक दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
फिर बन रहे 1971 जैसे हालात
पाकिस्तान में एक बार फिर 1971 जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं। अगर ऐसा होता बांग्लादेश की तरह एक बार फिर टुकड़े हो सकते हैं। प्रदर्शनकारी अब बड़ी संख्या में मुजफ्फराबाद की ओर बढ़ रहे हैं। एक अहम मांग यह भी है कि PoK विधानसभा में पाकिस्तानी हिस्से से आए कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 सीटों को खत्म किया जाए, क्योंकि यह स्थानीय प्रतिनिधित्व को कमजोर करता है। सरकार और सेना की सख्ती के बावजूद यह आंदोलन थम नहीं रहा है। हर दमन के प्रयास के साथ लोगों का गुस्सा और तेज होता जा रहा है।