बर्फीले तूफान में बाल-बाल बची हाइकर्स की जिंदगी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Mount Everest Climbers Trapped: माउंट एवरेस्ट के चीनी हिस्से में बीते सप्ताह आए एक भयंकर बर्फीले तूफान में लगभग 1000 पर्वतारोही, गाइड और अन्य कर्मचारियों फंस गए थे। सरकारी मीडिया के अनुसार, इन सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया है। तूफान शनिवार रात के दौरान आया और 4,900 मीटर से ऊपर स्थित तंबुओं तक पहुंचना मुश्किल बना दिया।
बर्फीले तूफान के कारण कुल 580 पर्वतारोही और 300 से अधिक गाइड, याक चरवाहे और अन्य कर्मचारी फंसे हुए थे। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, सरकारी मीडिया ने बताया कि सोमवार दोपहर तक लगभग 350 पर्वतारोही सुरक्षित नीचे उतर आए, जबकि बाकी लोग मंगलवार तक बचा लिए गए। उनके बचाव के लिए लगातार रेस्क्यू अभियान जारी रहा।
चीन में इन दिनों आठ दिन का राष्ट्रीय अवकाश चल रहा था और इस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक कर्मा घाटी की ट्रेकिंग के लिए गए थे। यह घाटी माउंट एवरेस्ट के पूर्वी कांगशुंग क्षेत्र तक फैली हुई है। लेकिन पिछले सप्ताहांत अचानक हुई भारी बर्फबारी और बारिश ने इस सुंदर घाटी को, जो एवरेस्ट की पूर्वी रिज के अद्भुत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है उसे एक खतरनाक इलाके में बदल दिया।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने बताया कि कुछ पर्वतारोही गंभीर ठंड (हाइपोथर्मिया) के शिकार हुए, जिन्हें समय पर मदद प्रदान की गई। परिस्थितियों को देखते हुए सभी पर्वतारोहण गतिविधियाँ रोक दी गई हैं और माउंट एवरेस्ट के दर्शनीय क्षेत्रों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
माउंट एवरेस्ट, जिसे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के रूप में जाना जाता है इसकी ऊंचाई 8,849 मीटर से अधिक है। चीन में इसे माउंट कोमोलांगमा के नाम से जाना जाता है। यह पर्वतारोही और एडवेंचर प्रेमियों के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है। अक्टूबर का महीना पर्वतारोहियों के लिए विशेष रूप से सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इस समय मौसम अपेक्षाकृत स्थिर रहता है और आसमान साफ होता है, जिससे आरोहण की चुनौतियों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
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हालांकि, हाल के कुछ वर्षों में देखा गया है कि एवरेस्ट और इसके आसपास का क्षेत्र अब गंभीर मौसमी गतिविधियों का सामना कर रहा है। अचानक आई बर्फबारी, तेज हवाएं और असामान्य बारिश जैसी घटनाएं पर्वतारोहियों के लिए नए खतरे पैदा कर रही हैं। यही कारण है कि विशेषज्ञ लगातार चेतावनी देते रहते हैं कि आरोहण से पहले मौसम की पूरी जानकारी लेना और सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।