बगराम एयरबेस को लेकर तालिबानी विदेश मंत्री ने दी अमेरिका को चेतावनी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
US-Afghan relations: अफगानिस्तान में तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने अमेरिका को बगराम एयर बेस सौंपने की अटकलों को पूरी तरह नकार दिया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में स्पष्ट कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान की जमीन का एक इंच भी नहीं मिलेगी। मुत्ताकी के बयान के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हाल ही में बगराम एयर बेस पर नियंत्रण फिर से पाने का प्रस्ताव छिपा है। ट्रंप ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वे बेस को वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि यह उस इलाके के पास स्थित है, जहां चीन परमाणु हथियार विकसित करता है।
हालांकि, चीन और तालिबान दोनों ने ट्रंप की योजना को खारिज कर दिया है। बीजिंग ने क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी दी, जबकि तालिबान ने दोहराया कि अफगानिस्तान में कभी भी विदेशी सैन्य बलों की उपस्थिति स्वीकार्य नहीं होगी। अमेरिकी सेना ने 2021 में बगराम एयरबेस खाली कर दिया था। उस समय तालिबान ने काबुल पर नियंत्रण स्थापित कर लिया था। तालिबान के अधिकारी जाकिर जलाल ने ट्रंप के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अंतरिम अफगान सरकार इस विचार को पूरी तरह अस्वीकार करती है।
अफगानिस्तान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति को स्वीकार नहीं करेगा। तालिबान के अधिकारी जाकिर जलाल ने कहा कि अफगान सरकार इस विचार को पूरी तरह अस्वीकार करती है। उनका कहना है कि देश ने इतिहास में कभी भी किसी बाहरी सेना की मौजूदगी को मंजूरी नहीं दी, और दोहा में हुई वार्ता और समझौतों के दौरान भी इसे साफ तौर पर खारिज कर दिया गया था।
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तालिबान ने ट्रंप के बयान का जोरदार खंडन किया है। मुख्य प्रवक्ता जबीहउल्लाह मुजाहिद ने इसे गलत और बिना आधार वाला बताया और अमेरिका से हकीकत समझकर तर्कपूर्ण कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अब अफगानिस्तान अपनी विदेश नीति में अपने आर्थिक हितों को प्राथमिकता देता है और सभी देशों के साथ साझा हितों के आधार पर संबंध बनाने का इच्छुक है। मुजाहिद ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान की स्वतंत्रता और उसकी सीमाओं की सुरक्षा सर्वोपरि हैं। उन्होंने याद दिलाया कि दोहा समझौते में अमेरिका ने अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने और शक्ति का प्रयोग न करने का वादा किया था।