रूसी सेना में शामिल चीनी सैनिकों की मीडिया के सामने उपस्थति
कीव/मॉस्को/बीजिंग: रूस-यूक्रेन युद्ध में जब कूटनीतिक रास्ते कम पड़ने लगे, तब यूक्रेन ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने दुनिया का ध्यान खींच लिया। चीन के उस दावे को झूठा साबित करने के लिए कि उसके नागरिक युद्ध में शामिल नहीं हैं, कीव ने मानवाधिकार नियमों को तोड़ते हुए चीनी कैदियों की मीडिया के सामने ला के रख दिया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के मुताबिक, 155 चीनी नागरिक रूस की सेना के साथ यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में शामिल हैं। इनमें से दो पूर्वी डोनेट्स्क में पकड़े गए थे। जबकि बीजिंग ने इस दावे को बेबुनियाद बताया, यूक्रेन ने सबूतों के साथ उन्हें दुनिया के सामने पेश किया।
एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, पकड़े गए चीनी सैनिकों को प्रेस के सामने लाया गया, जहां उन्होंने खुलासा किया कि आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने रूस की सेना में शामिल होने का फैसला किया। एक कैदी ने बताया कि कोविड-19 के बाद नौकरी खोने के बाद, रूस में मिलने वाली 2.5 लाख रूबल की सैलरी (करीब 2,57,889 रुपये) उनके लिए बहुत आकर्षक राशि थी।
मामले में खुले कई राज
इनमें से एक को मेडिकल ट्रेनिंग के नाम पर बुलाया गया था, लेकिन वहां पहुंचते ही उसे लड़ाई के लिए ट्रेनिंग दी गई। सैनिक ने यह भी बताया कि कम्यूनिकेशन बेरियर की उन्हें बहुत ज्यादा दिक्कत रही है। भाषा की बाधा और दस्तावेजों की जानकारी न होने के कारण उन्हें सिर्फ इशारों से ही संवाद करना पड़ता था।
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बीजिंग को सब जानकारी थी, सबकी निगाहें चीन की भूमिका पर
जेलेंस्की ने सीधे तौर पर यह नहीं कहा कि ये सब चीन सरकार की आधिकारिक नीति है, लेकिन उन्होंने यह जरूर जोड़ा कि “बीजिंग जानता है कि क्या हो रहा है।” इसी के जरिए जेलेंस्की अब वॉशिंगटन का ध्यान फिर से अपनी ओर खींचना चाहते हैं, खासकर ऐसे समय में जब ट्रंप प्रशासन चीन के खिलाफ पहले से ही आक्रामक नीति अपना रहा है। यूक्रेन का यह कदम जहां एक ओर अंतरराष्ट्रीय नियमों की अनदेखी करता दिखा, वहीं उसने एक बड़ा भू-राजनीतिक संदेश भी दे दिया: अगर आप खामोश रहेंगे, तो हम आपको दुनिया के सामने बेनकाब कर देंगे।
चीन शर्मिंदा हुआ
राष्ट्रपति जेलेंस्की को दिए गए अपने जवाब में, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम दोहराना चाहेंगे कि चीन यूक्रेनी संकट का आरंभकर्ता नहीं है, न ही चीन इसमें भाग लेने वाला पक्ष है, और कहा कि हम संबंधित पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे चीन की भूमिका को सही ढंग से और गंभीरता से समझें और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी न करें।