
सांकेतिक तस्वीर
Gaza Peace Talks in Istanbul: गाजा में इजरायल और हमास के बीच सीजफायर जारी है। इसी बीच गाजा के भविष्य को लेकर तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में सोमवार (3 नवंबर, 2025) को अहम बैठक होने वाली है। इसमें तुर्की अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गाजा की सुरक्षा और प्रशासन को फिलिस्तीनियों के हाथों में सौंपने के लिए जल्द से जल्द व्यवस्था करने का अपील कर सकता है।
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फिदान शामिल होने वाले है। इस बैठक में तुर्की के अलावा जॉर्डन, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), और इंडोनेशिया जैसे बड़े मुस्लिम देशों के विदेश मंत्री भी शामिल होंगे, जो गाजा में सीजफायर की प्रगति और मानवीय स्थिति पर केंद्रित होगी।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि फिदान बैठक में यह जोर दिया जाएगा कि मुस्लिम देशों के बीच समन्वयपूर्ण कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है, ताकि मौजूदा युद्धविराम को स्थायी शांति में बदला जा सके। इस्तांबुल वार्ता में भाग लेने वाले सभी देशों ने सितंबर में न्यूयॉर्क में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बैठक में भी हिस्सा लिया था, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान आयोजित हुई थी।
अमेरिका की मध्यस्थता से हुए गाजा युद्धविराम समझौते के लागू होने के बाद से हिंसा की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन इस समझौते के कई जटिल पहलू जैसे हमास का निरस्त्रीकरण और इजरायल की वापसी की समयसीमा अब भी अनसुलझे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, बताया कि फिदान बैठक में यह कहा जाएगा कि इजरायल सीजफायर को खत्म करने के लिए बहाने बना रहा है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायल की उकसाने वाली कार्रवाइयों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की अपील की जाएगी।
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इसके साथ ही यह भी कहा जाएगा कि गाजा में पहुंच रही मानवीय सहायता पर्याप्त नहीं है और इजरायल ने अपनी जिम्मेदारियों का पूरी तरह से पालन नहीं किया है। वहीं, गाजा युद्ध के दौरान तुर्की और इजरायल के संबंधों में खटास आई है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने कई मौकों पर गाजा में इजरायल की ओर से किए गए हमलों की कड़ी आलोचना की है।






