
इजरायली हमले में 104 लोगों की मौत (सोर्स- सोशल मीडिया)
Israel-Hamas Conflict: गाजा में 9 अक्टूबर को लागू हुए सीजफायर के बावजूद इजरायल ने एक बार फिर हवाई हमले किए। इन हमलों में कम से कम 104 फिलिस्तीनी मारे गए, जिनमें 46 बच्चे शामिल हैं, जबकि 253 लोग घायल हुए। यह इस सीजफायर के बाद सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। हालांकि बाद में इजरायली सेना ने कहा कि सीजफायर फिर से बहाल हो गया है।
इजरायल का दावा है कि हमास ने सीजफायर का उल्लंघन कर गाजा में तैनात उसके सैनिकों पर हमला किया। इसी के जवाब में यह कार्रवाई की गई। दूसरी ओर, हमास ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह सीजफायर का पालन कर रहा है। हमलों में गाजा सिटी, खान यूनिस, बेत लहिया और अल-बुरैज जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र निशाने पर रहे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायली हमलों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इजरायल ने अपने सैनिक की हत्या के बाद जवाबी कार्रवाई की है और इस हमले से सीजफायर को खतरा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हमास को संयम बरतना चाहिए।
हमास ने हाल ही में एक इजरायली बंधक ओफिर त्जारफाती के शव का टुकड़ा रेड क्रॉस को सौंपा था। जांच में पता चला कि यह अवशेष दिसंबर 2023 में इजरायली सेना द्वारा पहले ही ढूंढ लिया गया था। इस घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें दिखाया गया है कि हमास के लोग त्जारफाती के अवशेष को एक बड़े गड्ढे में डालकर मिट्टी से ढक देते हैं और फिर रेड क्रॉस के सामने ऐसा दिखाते हैं कि उन्होंने इसे अभी खोजा है।
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इजरायल ने गाजा के अलावा वेस्ट बैंक के जेनिन इलाके में भी छापा मारा, जिसमें तीन फिलिस्तीनी लड़ाके मारे गए। इजरायल का कहना है कि वे आतंकी गतिविधियों में शामिल थे। हमास ने दो को अपनी कासिम ब्रिगेड का सदस्य बताया और तीसरे के बारे में सीमित जानकारी दी। मानवाधिकार समूहों और फिलिस्तीनियों का कहना है कि इन हमलों में कई निर्दोष लोग भी मारे जा रहे हैं और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। स्थिति बढ़ती हिंसा और तनाव की ओर इशारा कर रही है।






