संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश(फोटो- सोशल मीडिया)
India In Security Council Meeting: भारत ने अफगानिस्तान का नाम लेकर एक बार फिर पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने लताड़ लगाई है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LET), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अन्य आतंकी समूह अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए न कर सकें। पाकिस्तान अक्सर यह दावा करता है कि आतंकियों पर कार्रवाई करना चाहता है लेकिन वो सीमा पार अफगानिस्तान में छिपे बैठे हैं।
भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि भारत अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया को एकजुट होकर यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादी संगठन जैसे इस्लामिक स्टेट, अल-कायदा और उनके सहयोगी अफगानिस्तान में अपनी गतिविधियाँ न चला सकें।
हरीश ने बताया कि भारत, उस हमले की कड़ी निंदा करता है जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन “द रेसिस्टेंस फ्रंट” ने कश्मीर के पहलगाम में किया था, जिसमें 26 लोगों को उनके धर्म के आधार पर मार दिया गया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर अब एक नई सोच और नीति की जरूरत है। सिर्फ सजा या पाबंदियों पर ध्यान देने से समस्या हल नहीं होगी। इसके बजाय, अच्छे व्यवहार को बढ़ावा देना और बुरे कामों को रोकना ज्यादा असरदार होगा।
India urged global action to ensure UN-listed terror groups like Pakistan-based Lashkar-e-Tayyiba and Jaish-e-Mohammed do not exploit Afghan soil for terrorism.
Ambassador Parvathaneni Harish stressed coordinated international efforts.#India | #UNSC | #Afghanistan | #Terrorism… pic.twitter.com/i5Sa8IiQxe— The Pioneer (@TheDailyPioneer) September 18, 2025
बैठक में अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) की प्रमुख रोजा ओटुनबायेवा ने बताया कि भले ही अफगानिस्तान में बड़े युद्ध अब नहीं हो रहे हैं, लेकिन कट्टरपंथी संगठनों की मौजूदगी अब भी एक बड़ी समस्या है। 2021 में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था, लेकिन भारत और संयुक्त राष्ट्र सहित ज्यादातर देशों ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है।
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हरीश ने यह भी कहा कि पहले भी दुनिया ने संघर्ष के बाद के हालातों में ऐसे संतुलित दृष्टिकोण अपनाए हैं और अफगानिस्तान के लिए भी यही जरूरी है, ताकि वहां के लोगों को सही मदद मिल सके। भारत ने कहा कि वह सभी संबंधित पक्षों के साथ बातचीत जारी रखेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से दो बार बात की, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के यात्रा प्रतिबंधों के कारण मुत्तकी भारत नहीं आ सके। हालांकि, अफगानिस्तान के कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारी हाल ही में भारत आए थे।