नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स- सोशल मीडिया)
भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान को पूरी तरह से गलत बताया। ट्रंप ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की और भरोसा दिया कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। लेकिन भारत की विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि कल दोनों नेताओं के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई।
ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा था कि मोदी ने उनसे फोन पर बातचीत में यह भरोसा दिया था कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। उन्होंने इसे यूक्रेन में रूस के खिलाफ अमेरिका की रणनीति का एक बड़ा कदम बताया। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मोदी को रूस से तेल खरीदने को लेकर चिंता जताई थी क्योंकि इससे रूस को यूक्रेन युद्ध को चलाने के लिए पैसे मिलते हैं। उन्होंने कहा, मैं खुश नहीं था कि भारत तेल खरीद रहा था।
भारत ने इस बात का जवाब देते हुए कहा कि देश के ऊर्जा फैसले उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं। भारत सरकार ने यह भी बताया कि उनकी ऊर्जा नीति में स्थिर कीमतें और तेल की आपूर्ति को सुनिश्चित करना सबसे जरूरी है। इसलिए, भारत अपने ऊर्जा स्रोतों को विविधता देता रहता है और बाजार के हिसाब से खरीदारी करता है।
Weekly Media Briefing by the Official Spokesperson (October 16, 2025)
https://t.co/wexxLMoW7g — Randhir Jaiswal (@MEAIndia) October 16, 2025
अमेरिका ने हाल ही में भारत को रूस से तेल खरीदना बंद करने के लिए जोर देना शुरू किया है क्योंकि रूस भारत के कुल कच्चे तेल आयात का करीब एक तिहाई हिस्सा है। अमेरिका का तर्क है कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा तो रूस की आर्थिक ताकत कम होगी और उसे यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए दबाव में लाया जा सकेगा।
ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत का यह कदम एक बड़ा कदम है और अब वे चीन को भी ऐसा करने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा नीति में मतभेद के बावजूद, मोदी उनके करीबी दोस्त हैं और उनके बीच अच्छे रिश्ते हैं। उन्होंने कहा, वह मेरे दोस्त हैं।
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ट्रंप ने भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए भारतीय तेल आयात पर 50% का भारी टैरिफ भी लगा दिया है, जिसमें 25% बेस टैरिफ है और 25% अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल खरीदना जारी रखने पर लगाया गया है।