डोनाल्ड ट्रंप, शहबाज शरीफ (सोर्स- सोशल मीडिया)
Pakistan News: अफगानिस्तान के साथ जारी संघर्ष में पाकिस्तान की हालत खराब है। इसी बीच पाकिस्तान ने एक बार फिर युद्ध रुकवाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मदद की गुहार लगाई है। ट्रंप दुनिया में कई जंगें रुकवाने का दावा कर चुके हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे तनाव को कम करवा सकते हैं या नहीं?
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने ट्रंप से तालिबान के साथ संघर्ष में मदद और मध्यस्थता करने की अपील की है। हालांकि इससे पहले मिस्र में आयोजित गाजा शांति सम्मेलन के दौरान खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करवाने का प्रस्ताव रखा था। ट्रंप ने कहा था कि वे युद्ध रुकवाने में माहिर हैं और उन्हें पाकिस्तान और अफगानिस्तान का युद्ध रुकवाकर खुशी होगी।
ख्वाजा आसिफ ने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा कि जहाँ पहले अमेरिका जंगों को बढ़ावा देता था, ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने शांति की कोशिशें की हैं। अगर ट्रंप पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच शांति लाना चाहें तो पाकिस्तान उन्हें खुशी से स्वीकार करेगा।
पिछले हफ्ते ट्रंप ने भी इशारा किया था कि वे इस मामले में दखल दे सकते हैं। उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध चल रहा है। जब मैं अमेरिका वापस लौटूंगा, तो एक और जंग रुकवाऊंगा क्योंकि मुझे यह काम आता है।”
इस बीच पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह भारत की मदद से प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा है। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि तालिबान सरकार पर भारत का असर है और फिलहाल काबुल भारत के लिए लड़ रहा है। तालिबान के विदेश मंत्री हाल ही में भारत से लौटे हैं, इसलिए अब सबकी नजर इस पर है कि उनका अगला कदम क्या होगा।
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हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि पाकिस्तान की मदद के पीछे ट्रंप की अपनी कोई छिपी हुई योजना हो सकती है। इसका संबंध बगराम एयरबेस से हो सकता है, जिसपर ट्रंप फिर से कब्जा करना चाहते हैं। क्योंकि यह काबुल के पास है और वहाँ से चीन के परमाणु ठिकाने सिर्फ एक घंटे की दूरी पर हैं। लेकिन तालिबान सरकार लगातार इससे इनकार कर रही है।