तस्वीर में डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी
वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के आखिरी सप्ताह में अमेरिका जा रहे हैं। वहीं बुधवार को मिशिगन के फ्लिंट में एक टाउनहॉल के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे अगले हफ्ते पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की। कहा कि वे मजेदार व्यक्ति हैं। वे बिल्कुल भी पिछड़े नहीं हैं। हालांकि ट्रंप ने भले ही पीएम मोदी की तरीफ की हो लेकिन भारत की नीतियों की आलोचना भी की।
भारत को लेकर ट्रंप की इस दोहरे रवैये को देख सभी आश्चर्यचकित हैं। हालांकि ये नया नहीं है। ट्रंप पहले भी भारत को लेकर बोलते रहे हैं। वो पीएम मोदी की तो तारीफ करते हैं, लेकिन भारत की आलोचना करते हैं।
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आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे गढ़े। ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी अपने गेम में टॉप पर हैं। दूसरी ओर ट्रंप ने तंज कसते हुए कहा कि वे और हमारे खिलाफ अपनी नीतियों का इस्तेमाल करते हैं।
ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ की लेकिन भारत की नीतियों की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका से आयात होने वाले वस्तुओं पर भारी टैक्स लगाता है और खुद अमेरिका निर्यात करता है तो कोई टैक्स नहीं चाहता है।
इस मामले में ट्रंप ने भारत को नीतियों का दुरुपयोग करने वाला देश बताया।
डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान पर भारत के पूर्व विदेश सचिव और रूस में भारत के राजदूत रहे कंवल सिब्बल ने लिखा है कि ट्रंप अब भी हार्ले-डेविडसन को लेकर आत्ममुग्ध हैं। अमेरिका मुक्त व्यापार की बात तभी करता है, जब वह इस गेम में ऊंचाई पर होता है। अभी ये मामला संरक्षणवादी का नहीं है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जो डॉलर के जरिए वैश्विक वित्तीय व्यवस्था पर कंट्रोल रखता है, वो भारत से बराबरी की मांग कैसे कर सकता है? उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के लिए समस्या चीन है न कि भारत।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी अल मेसन ने कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बहुत मधुर संबंध रहे हैं और पूर्व राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान एक-दूसरे के साथ एक मजबूत बंधन रहा है। दोनों ही मजबूत नेता हैं जो एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। भारतीय अमेरिकी समुदाय भारतीय प्रधानमंत्री मोदी का कट्टर समर्थक है।
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वे अभी भी राष्ट्रपति पद के दौरान ट्रंप के प्रयासों को याद करते हैं। ताकि अमेरिका और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत किया जा सके और राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अमेरिका के भीतर भारतीय अमेरिकी समुदायों तक अधिक व्यक्तिगत स्तर पर पहुंच बनाई जा सके।
हाउडी मोदी का क्रेज अभी भी है
मेसन ने उदाहरण देते हुए कहा कि, ह्यूस्टन में तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सह-शीर्षक वाले कार्यक्रम को हाउडी मोदी नाम दिया गया था। फिर राष्ट्रपति ट्रंप ने इस कार्यक्रम के बाद भारत की विदेश यात्रा की, जिसका समापन एक ऐतिहासिक रैली में हुआ, जिसमें एक बार फिर मोदी ने सह-शीर्षक दिया, जिसे नमस्ते ट्रंप कहा गया।
ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका से संबंध मजबूत
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी अल मेसन ने कहा कि कई मायनों में, अमेरिका-भारत संबंध पहले कभी इतने मजबूत नहीं रहे, और अमेरिका में भारतीय अमेरिकी समुदाय दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने के लिए ट्रंप को काफी हद तक श्रेय देता है।
ट्रंप का विशेष याेगदान
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी अल मेसन ने आगे कहा कि कई मायनों में, अमेरिका-भारत संबंध पहले कभी इतने मजबूत नहीं रहे।अमेरिका में भारतीय अमेरिकी समुदाय दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने का श्रेय काफी हद तक ट्रंप को देता है।
ट्रंप और मोदी के बीच होगी बैठक
ट्रंप के राष्ट्रपति काल के दौरान, एक प्रवृत्ति बहुत स्पष्ट हो गई, भारतीय अमेरिकियों ने, शायद पहली बार, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार और सम्मान दोनों महसूस किया। इसलिए, अगले सप्ताह न्यूयॉर्क में ट्रंप और PM मोदी के बीच होने वाली बैठक दोनों नेताओं के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी।
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पीएम मोदी क्यों जाएंगे अमेरिका
राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल के आखिर में क्वॉड देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है। क्वॉड देश में भारत भी शामिल है। इसके अलावा क्वॉड गुट में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान हैं। जो बाइडन अपने कार्यकाल का आखिरी क्वॉड समिट डेलावेयर के विल्मिंगटन में करने जा रहे हैं। जहां 23 सितंबर को पीएम मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में समिट ऑफ द फ्यूचर को भी संबोधित करेंगेञ