Lebanon pager Explosions | Google
Lebanon Explosions: कल से लेबनान में हिजबुल्लाह आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पेजर के घातक विस्फोट की खबर ने पेजर टूल को सुर्खियों में ला दिया है। ऐसे में आज के इस लेख में जानेंगे कि आखिर यह पेजर टूल क्या है और हिज़्बुल्लाह सदस्य अभी भी इसका उपयोग क्यों कर रहे हैं? तो इन सब के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ लीजिए इस आर्टिकल को अंत तक।
पेजर, जिसे बीपर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का कम्युनिकेशन टूल है, जो फ़ोन से बिल्कुल अलग तरीके से काम करता है। यह कॉम्पैक्ट बैटरी से चलने वाला रेडियो रिसीवर किसी खास सिग्नल को रिसीव करने पर ध्वनि या कंपन के जरिए यूजर्स को सचेत करता है। मॉडल के आधार पर, पेजर में कई विशेषताएं होती हैं जैसे कि यह या तो एक संख्यात्मक संदेश, जैसे कि फ़ोन नंबर, या एक टैक्स्ट मैसेज, जैसे कि “कॉल होम” दिखा सकता है। आपको बता दें कि इस टूल की पॉपुलैरिटी 1980 के दशक में खुब थी। लेकिन, 2000 के दसक के बाद से पेजर का उपयोग कम होने लगा। ऐसे इसलिए, क्योंकि बाजार में कई सारे कॉम्पैक्ट सेल फोन मौजूद हो गए थे।
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आपकी जानकारी के लिए यह भी बताते चलें कि फ़ोन से पहले पेजर का इस्तेमाल स्वास्थ्य सेवा और आपातकालीन सेवाओं के क्षेत्रों में किया जाता था। इस कॉम्यूनिकेशन टूल का उपयोग आज भी उन जगहों पर किया जाता है जहां सेल नेटवर्क से समझौता हो सकता है, ताकि संचार की प्राइवेसी कायम रहे। अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर मोबाइल फोन और स्मार्टफोन के जमाने में हिज़्बुल्लाह सदस्य क्यों पेजर का उपयोग कर रहे हैं? हिज़्बुल्लाह सदस्य बातचीत के लिए पेजर्स का इस्तेमाल इस लिए करते हैं ताकि इजरायल इनके लोकेशन का पता नहीं लगा सके। क्योंकि इस डिवाइस के जरिए वॉयस मैसेज और टैक्स्ट मैसेज के जरिए बात होती है। इस डिवाइस की ओक और खास बात यह है कि इसमें GPS और Bluetooth कनेक्टिविटी का सपोर्ट नहीं दिया जाता है।
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