प्रदेश सरकार ने केजीएमयू को स्थान की कमी को दूर करने के लिए 2.5 एकड़ जमीन आवंटित की, जिसमें से कुछ हिस्सा छोटी जुबिली के पास है। केजीएमयू प्रवक्ता प्रो. केके सिंह के अनुसार, यह जमीन 2023 में विश्वविद्यालय को दी गई और जुलाई 2025 में आधिकारिक रूप से हस्तांतरित हुई। इस जमीन पर कई लोग अवैध रूप से घर बनाकर रह रहे थे। विश्वविद्यालय ने पिछले चार महीनों में चार नोटिस जारी किए, लेकिन कब्जा नहीं हटाया गया। नतीजतन, सोमवार को बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण हटा दिए गए। खाली कराई गई जमीन पर कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल संकाय खोलने की योजना है। यहां बैचलर ऑफ रेडियोथेरेपी, बैचलर ऑफ एक्सरे टेक्नीशियन, ऑप्थल्मोलॉजी, ओटी टेक्नीशियन, फिजियोथेरेपी समेत दूसरे बैचलर कोर्स चलाए जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने केजीएमयू को स्थान की कमी को दूर करने के लिए 2.5 एकड़ जमीन आवंटित की, जिसमें से कुछ हिस्सा छोटी जुबिली के पास है। केजीएमयू प्रवक्ता प्रो. केके सिंह के अनुसार, यह जमीन 2023 में विश्वविद्यालय को दी गई और जुलाई 2025 में आधिकारिक रूप से हस्तांतरित हुई। इस जमीन पर कई लोग अवैध रूप से घर बनाकर रह रहे थे। विश्वविद्यालय ने पिछले चार महीनों में चार नोटिस जारी किए, लेकिन कब्जा नहीं हटाया गया। नतीजतन, सोमवार को बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण हटा दिए गए। खाली कराई गई जमीन पर कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल संकाय खोलने की योजना है। यहां बैचलर ऑफ रेडियोथेरेपी, बैचलर ऑफ एक्सरे टेक्नीशियन, ऑप्थल्मोलॉजी, ओटी टेक्नीशियन, फिजियोथेरेपी समेत दूसरे बैचलर कोर्स चलाए जाएंगे।