
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स:सोशल मीडिया )
Sambhajinagar Town Planning News: छत्रपति संभाजीनगर महानगरपालिका के नगर नियोजन विभाग में चालू वित्तीय वर्ष के पहले साढ़े आठ महीनों में इमारत निर्माण अनुमति के लिए कुल 1490 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से 1067 प्रस्तावों का निपटारा किया जा चुका है।
इन प्रस्तावों के माध्यम से महानगरपालिका की तिजोरी में 65 करोड़ 72 लाख 3 हजार 379 रुपए का राजस्व जमा हुआ है। शहर में बनने वाली आवासीय, व्यावसायिक और मिश्रित स्वरूप की इमारतों के लिए नगर नियोजन विभाग द्वारा निर्माण अनुमति दी जाती है।
सरकारी नियमों के अनुसार निर्माण अनुमति का प्रस्ताव अधिकृत वास्तुविशारद के माध्यम से प्रस्तुत करना अनिवार्य है। पिछले कुछ महीनों से यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। इसी दौरान लंबित प्रस्तावों की संख्या बढ़ने पर सरकार ने नगर नियोजन विभाग को प्राथमिकता के आधार पर प्रस्तावों का निपटारा करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
नगर नियोजन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक अप्रैल 2025 से दस दिसंबर 2025 की अवधि में कुल 1490 प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें से 1067 प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय लिया गया। इन प्रस्तावों से महानगर पालिका के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। अप्रैल माह में 178 प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे 10 करोड़ 13 लाख 84 हजार 766 रुपए का राजस्व मिला।
| माह | प्रस्तावों की संख्या | प्राप्त राजस्व (₹) |
|---|---|---|
| मई | 170 | 7,13,22,737 |
| जून | 145 | 9,23,64,565 |
| जुलाई | 187 | 9,61,65,254 |
| अगस्त | 187 | 7,30,30,813 |
| सितंबर | 207 | 6,13,13,437 |
| अक्टूबर | 186 | 12,46,21,807 |
| नवंबर | 201 | 4,37,01,405 |
| दिसंबर* | 29 | ~9,50,000 |
निर्माण अनुमति की प्रक्रिया में बढ़ोतरी से शहर के विकास कार्यों को गति मिली है। साथ ही मनपा की आर्थिक स्थिति में भी सकारात्मक सुधार देखने को मिल रहा है। बता दे कि आए दिन शहर का विस्तार बढ़ता जा रहा है।
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शहर के बाहरी इलाकों में अवैध निर्माण कार्य जोरों पर है। शहर में मनपा से बिना परमिशन लिए घरों का निर्माण करने। का सिलसिला सालों से जारी है। करीब 6 माह पूर्व मनपा प्रशासन ने शहर में सड़क चौड़ीकरण मुहिम हाथ में ली।
इसमें शहरे विकास प्रारूप के अनुसार हजारों अवैध संपत्तियों पर मनपा का बुलडोजर चला। जिसके चलते अपने आशियाना का अवैध निर्माण करने को लोग अब डर रहे है। यहीं कारण है लोग मनपा से परमिशन लेकर अपने घरों का निर्माण कराने को प्राथमिकता दे रहे है। इससे मनपा को राजस्व में आए दिन वृद्धि हो रही है।






