CM योगी की गोरखपुर में सांसदों-विधायकों की बड़ी बैठक
Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दो टूक हिदायत दी है कि हर विकास परियोजना को तय समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करना सुनिश्चित करें। हर परियोजना के लिए एक नोडल अधिकारी बनाया जाए जो कार्य की नियमित निगरानी करें। यदि किसी परियोजना में ठेकेदार की लापरवाही मिले तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। किसी विकास परियोजना में कोई खामी मिली, गुणवत्ता से समझौता किया तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई तय है। हर परियोजना के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री, रविवार को दोपहर बाद गोरखपुर के एनेक्सी भवन में जिले में जारी विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक कर रहे थे। गोरखपुर में चल रही विकास परियोजनाओं की अद्यतन प्रगति की जानकारी लेते हुए सीएम योगी ने कहा कि विकास कार्यों से गोरखपुर के प्रति पूरे देश में मजबूत सकारात्मक धारणा बनी है। विकास कार्यों में किसी भी तरह का व्यवधान नहीं आना चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि वह हर विकास परियोजना की प्रगति की जानकारी उस प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी से खुद लेते रहें। सीएम ने पीएसी महिला बटालियन, खजांची बाजार, पादरी बाजार, बरगदवा, गोरखनाथ, पैडलेगंज-नौसढ़ फ्लाईओवर, भोपा बाजार ओवरब्रिज सहित सभी बड़ी विकास परियोजनाओं में तेजी लाते हुए निर्माण कार्यों को तय समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी पूर्वांचल के लिए अभिशाप रहे इंसेफेलाइटिस (जेई और एईएस)को नियंत्रित कर लिया गया है। पर, सतत सावधानी की जरूरत है। इसी तरह डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए जनता को जागरूक करते रहना होगा। इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता और स्वच्छता से जुड़े अभियान चलाए जाएं। जागरूकता को लेकर प्रचार-प्रसार को बढ़ाया जाए। यह कार्य सभी नगर निकायों में हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर सहित पूरे प्रदेश में माफियाराज को ध्वस्त कर दिया गया है। मेडिकल पेशे में कभी-कभी एम्बुलेंस माफिया या मरीजों को भर्ती कराने में बिचौलियों के खेल की शिकायतें आती हैं। इस पर सतत सख्ती जरूरी है। ऐसी कार्रवाई की जाए जिससे मेडिकल फील्ड में कोई माफिया पनपने न पाए।
सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर की प्रतिस्पर्धा बड़े स्मार्ट शहरों से हो रही है। ऐसे में सुगम यातायात अपरिहार्य है। यातायात पुलिस और नगर निगम मिलकर ऐसी व्यवस्था बनाए जिससे शहर में कहीं जाम न लगने पाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित हो कि सड़क पर ठेले-खोमचे न लगें। इसके लिए स्ट्रीट वेंडर्स का व्यवस्थित पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के यूनिफॉर्म, बैग, जूता-मोजा आदि के लिए सरकार उनके अभिभावकों के बैंक खातों में धनराशि भेजती है। ऐसे में इस बात का ध्यान रखा जाए कि यह धनराशि इसी के लिए खर्च हो। विद्यालयों की जांच कर यह व्यवस्था बनाई जाए कि बच्चे यूनिफॉर्म में ही स्कूल आएं। इससे बच्चों के बीच समन्वय और सकारात्मक, अनुशासित माहौल बनेगा।
मुख्यमंत्री ने जिले में बच्चों के लिए प्री स्कूलिंग से पहले खोले गए बाल वाटिका की जानकारी ली। बताया कि यह एक शानदार पहल है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जनप्रतिनिधियों को भी बाल वाटिका का भ्रमण कराएं और जरूरत पड़ने पर बाल वाटिका के लिए उनका सहयोग प्राप्त करें। उन्होंने माध्यमिक विद्यालयों के लिए संचालित प्रोजेक्ट अलंकार की भी समीक्षा की और कहा कि इसके तहत हो रहे निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए।
सीएम योगी ने शहर में जलजमाव दूर करने के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गोड़धोइया नाला की भी समीक्षा की। कहा कि इसके निर्माण में और तेजी लाने की आवश्यकता है। बरसात से अगर काम प्रभावित हो रहा हो तो वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर काम को सुचारू तरीके से आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने शहर में अमृत योजना के तहत एसटीपी निर्माण की समीक्षा करते हुए कहा कि निर्माण के बाद मेंटीनेंस भी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि निर्माण कराने वाली फर्म से अगले दस साल के अनुरक्षण के लिए भी एग्रीमेंट होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी विकास परियोजना को आगे बढ़ाने में यदि कहीं पेड़ काटना पड़े तो उसके एवज में नया पौधा लगाना भी सुनिश्चित किया जाए। पौधे की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड भी जरूर लगाया जाए।
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समीक्षा बैठक में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री एवं बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान, गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, राजेश त्रिपाठी, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, सरवन निषाद, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, सीपी चंद और प्रशासन व विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।