शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (फोटो- सोशल मीडिया)
प्रयागराजः प्रयागराजः महाकुंभ नगरी में संतों के आगमन का सिलसिला पिछले 15 दिन से जारी है। 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में शामिल होने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी पहुंच चुके हैं। शहर के विभिन्न इलाकों से होते हुए यह यात्रा मेला क्षेत्र में प्रवेश कर गई। यात्रा की अगुवाई में डमरू बजाते हुए शिवभक्तों के साथ ही अलग-अलग अखाड़ों के साधु संत सन्यासी और महामंडलेश्वर भी शामिल हुए।
इस मौके पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि सैकड़ों वर्षों पुरानी महाकुंभ में प्रवेश की परंपरा चली आ रही है। उसी के तहत आज यानी गुरुवार को छावनी में प्रवेश यात्रा के जरिए मेला परिसर में प्रवेश किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म की एकता और समरसता का संदेश देने वाला महापर्व है। जहां से आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति होती है।
इस दौरान महाकुंभ क्षेत्र में लगे पोस्टरों पर शंकराचार्य नारागगी जाहिर करते हुए कहा कि इस बार महाकुंभ में राजनीति आ गई है, गलत है इसे किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता है। महाकुंभ में पोस्टरों के माध्यम से लगे डरेंगे तो मरेंगे जैसे नारों का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे नारे धर्म विरोधी हैं।
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इसके साथ ही ज्योतिषपीठ शंकराचार्य ने नया नारा देते हुए कहा कि डरेंगे तो बचेंगे का नारा ही सही नारा है। दरअसल प्रयागराज महाकुंभ में निर्वाणी अणी अखाड़े के जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य महाराज ने डरेंगे तो मरेंगे जैसे विवादित स्लोगन के कई पोस्टर लगवाए हैं और शंकराचार्य ने इसी का विरोध किया है।
रामानंदाचार्य नरेन्द्राचार्य महाराज ने अपने नारे को लेकर कहा कि उनका नारा सीएम योगी के बटेंगे तो कटेंगे नारे को आगे नहीं बढ़ा रहा है। हालांकि जो बातें सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी से वो सहमत हैं, उनके मुताबिक हिंदू धर्म पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक हैं तो सेफ हैं नारे के जारिए जमीनी हकीकत बयां की है।