
scientists ने किया नया चमत्कार। (सौ. AI)
Microfluidic Cooling Tech Innovation: इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अधिक शक्तिशाली और कॉम्पैक्ट होते जाने के साथ उनमें हीटिंग की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है। लेकिन अब इस समस्या का समाधान वैज्ञानिकों ने खोज लिया है। चीन के पेकिंग विश्वविद्यालय की नेशनल की लेबोरेटरी ऑफ एडवांस्ड माइक्रो एंड नैनो मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तीन-स्तरीय माइक्रोफ्लूडिक कूलिंग डिवाइस विकसित की है, जो उपकरणों से निकलने वाली गर्मी को प्रभावी ढंग से कम कर उनकी लाइफ और परफॉर्मेंस दोनों बढ़ा सकती है।
नेचर इलेक्ट्रॉनिक्स पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यह नई तकनीक पारंपरिक कूलिंग सिस्टम की तुलना में कई गुना अधिक प्रभावी है। इस डिवाइस की सबसे बड़ी खासियत है कि इसकी तीन-स्तरीय संरचना को सीधे सिलिकॉन सब्सट्रेट में उकेरा गया है।
शोध के अनुसार, यह माइक्रोफ्लूडिक डिवाइस 3,000 वाट प्रति वर्ग सेंटीमीटर की गर्मी को मात्र 0.9 वाट प्रति वर्ग सेंटीमीटर पंपिंग पावर से दूर कर सकती है। यह अब तक की सबसे प्रभावशाली कूलिंग तकनीक मानी जा रही है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस डिवाइस का “कोएफिशिएंट ऑफ परफॉर्मेंस (COP)” 13,000 तक पहुंच सकता है, जो इसे ऊर्जा की दृष्टि से बेहद कुशल और स्थिर बनाता है।
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इस तीन-स्तरीय संरचना को बनाना भी आसान है। इसे मौजूदा “माइक्रो इलेक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम (MEMS)” तकनीक की मदद से बड़े पैमाने पर निर्मित किया जा सकता है। प्रारंभिक परीक्षणों में यह पाया गया है कि यह प्रणाली पारंपरिक कूलिंग उपायों की तुलना में कहीं अधिक स्थिर, शक्तिशाली और कम ऊर्जा खपत वाली है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक भविष्य में छोटे, टिकाऊ और ऊर्जा-कुशल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में क्रांति ला सकती है। इससे मोबाइल, लैपटॉप, सर्वर और एआई चिप्स जैसी डिवाइसेज़ की आयु और प्रदर्शन दोनों में सुधार होगा। डिजिटल युग की बढ़ती जरूरतों के बीच यह तकनीक स्मार्टफोन, सुपर कंप्यूटर और हाई-परफॉर्मेंस प्रोसेसरों के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकती है।






