मुस्ताफिजुर रहमान (फोटो-सोशल मीडिया)
आईपीएल 2025 को 17 मई से दोबारा से शुरू किया किया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने बांग्लादेश के खिलाड़ी मुस्ताफिजुर को अपने साथ जोड़ा है। मुस्ताफिजुर को जैक फ्रेजर मैकगर्क की जगह शामिल किया गया है। मुस्ताफिजुर को कल बुधवार को शामिल किया गया है। आज गुरुवार को ऐसी खबरें आ रही है कि अब मुस्ताफिजुर इस टूर्नामेंट में उपलब्ध नहीं हो सकते हैं।
बुधवार को दिल्ली कैपिटल्स ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि वो अपने टीम के साथ मुस्ताफिजुर रहमान को जोड़ रहे हैं। उसके बाद अब खबरें आ रही है कि मुस्ताफिजुर पहले ही युएई जा चुके हैं। जहां बांग्लादेश पाकिस्तान टीम के खिलाफ दो टी20 मैच खेलेगा।
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड इस समय उपमहाद्वीप में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति पर नजर बनाए हुए है। क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, बोर्ड मौजूदा हालात का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन कर रहा है ताकि कोई भी निर्णय तर्कसंगत और संतुलित हो।
इसी बीच बांग्लादेश के स्टार तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने क्रिकेट प्रेमियों को हैरानी में डाल दिया। बुधवार शाम को की गई इस पोस्ट में मुस्तफिजुर ने लिखा कि उनके खिलाफ खेलने के लिए यूएई जा रहा हूं। मुझे अपनी दुआओं में रखना।
Heading to UAE to play against them. Keep me in your prayers. pic.twitter.com/dI7DHTfj73
— Mustafizur Rahman (@Mustafiz90) May 14, 2025
हालांकि BCB किसी भी असहज परिस्थिति से बचना चाहता है। क्योंकि बांग्लादेश के खिलाड़ी बीसीसीआई द्वारा आयोजित आईपीएल भी खेलते हैं और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा आयोजित पीएसएल भी खेलते हैं। ऐसे में बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने कहा है कि वह राष्ट्रीय हित और खिलाड़ियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए विवेकपूर्ण कदम उठाने को लेकर भी सजग है।
इस बयान के बाद BCB के भीतर चर्चाओं का दौर तेज़ हो गया है। बोर्ड के लिए स्थिति तब और जटिल हो गई जब यह मामला अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) से जुड़ा पाया गया। मुस्तफिजुर को NOC देने के निर्णय से दो अन्य खिलाड़ियों रिशाद हुसैन और नाहिद राणा के मामलों पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे बोर्ड असमंजस की स्थिति में आ गया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के एक निदेशक ने कहा कि हम मुस्ताफिजुर को खेलने की छूट देंगे। लेकिन इसके साथ एक ये भी चीज है कि फिर वो देश के मैच नहीं खेल पाएंगे। तो ऐसे में राष्ट्रीय प्रतिबद्धता कहा जाता है और जो उन्हें उसे निभाना होगा। अगर मुस्ताफिजुर को छोड़ दिया तो जो दो खिलाड़ी पीएसएल खेल रहे वो भी कहेंगे कि जब उसे खेलने दिया गया तो मुझे क्यों नहीं। BCB के इस तर्क से स्पष्ट है कि बोर्ड खिलाड़ियों के लिए एक समान नीति अपनाना चाहता है ताकि भविष्य में पक्षपात या असंतोष की स्थिति न बने।