
मोहम्मद यूनुस (सोर्स- सोशल मीडिया)
Muhammad Yunus Controversy: बांग्लादेश जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, इसके चलते पूरे देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। तमाम बड़े नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने लगे है। इसी बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबल पुरस्कार पाने वाले मोहम्मद यूनुस का नाम भी विवादों में घिर चुका है। बांग्लादेश के पूर्व खुफिया अधिकारी और राजनयिक अमीनुल हक पोलाश ने यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए है।
पोलाश के मुताबिक, जैसे ही उन्होंने यूनुस के आर्थिक नेटवर्क पर जांच शुरू की, उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलीं और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई, जिसके बाद उन्हें देश छोड़ना पड़ा। पोलाश 2024 में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से ही बांग्लादेश से बाहर रह रहे हैं।
पोलाश ने दावा किया कि यूनुस ने माइक्रोक्रेडिट का दावा गलत तरीके से किया है। उनके मुताबिक, असल में माइक्रोक्रेडिट की अवधारणा यूनुस की नहीं थी, बल्कि यह एक विश्वविद्यालय परियोजना थी जिसे बाद में यूनुस ने चुराया और अपने नाम से प्रचारित किया। पोलाश ने यह भी कहा कि यूनुस के पास एक विशाल आर्थिक नेटवर्क है और वे बांग्लादेश की संस्थाओं को नियंत्रित करते हैं, जिससे गरीबों के पैसे का गलत तरीके से इस्तेमाल होता है।
जब पोलाश ने यूनुस के पैसे के लेन-देन की जांच शुरू की, तो उन्हें यह पाया कि कई धनराशियां यूनुस के निजी खातों में जा रही थीं, जबकि गरीबों को उसका कोई लाभ नहीं मिल रहा था। यूनुस के द्वारा टैक्स से बचने के लिए कई तरह की चालें चली जा रही थीं और उनके खिलाफ कई बड़े टैक्स और लेबर केस लंबित थे।
पोलाश ने यह भी बताया कि 2006-08 के दौरान यूनुस के निजी खाते में बड़ी रकम आई थी, जो कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का हिस्सा था। बाद में जब 2024 की अंतरिम सरकार आई, तो यूनुस के खिलाफ सभी मामले खत्म हो गए और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। पोलाश ने यह आरोप लगाया कि यूनुस ने अपनी संस्थाओं में अपने लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर बिठा लिया, जिससे उनके नियंत्रण में पूरी सरकार और व्यवस्था आ गई।
यह भी पढ़ें: Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में बिगड़ते हालात पर BNP लीडर तारिक रहमान ने जताई चिंता
पश्चिमी देश, जो यूनुस को एक महान व्यक्तित्व के रूप में देखते हैं इस सच्चाई पर कभी भी खुलकर नहीं बोलते क्योंकि वे उनकी नोबेल प्राइज विजेता छवि में खोए हुए हैं। पोलाश ने कहा कि अगर यूनुस सच में पारदर्शी हैं, तो उन्हें अपनी संस्थाओं और खातों का एक अंतरराष्ट्रीय ऑडिट करवाना चाहिए ताकि दुनिया को सच्चाई का पता चल सके।






