
क्या है तुलसी की माला पहनने के नियम (सौ.सोशल मीडिया)
Tulsi Mala miraculous benefits: तुलसी में प्राकृतिक औषधीय गुणों का भंडार माना जाता है। जिसका उपयोग आयुर्वेद में कई बीमारियों की दवा बनाने के लिए सर्दियों से किया जा रहा है तुलसी की इन्हीं खूबियों के कारण हिंदू परिवारों में इसकी पूजा भी की जाती है ताकि घर में हमेशा सुख-समृद्धि और शांति बनी रहे।
हिन्दू लोक मान्यताओं के अनुसार, हिन्दू धर्म में तुलसी की माला पहनना शुभ माना जाता है। ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ का मानना है कि जो इंसान तुलसी की माला पहनते हैं, उनके बुध और गुरु ग्रह मजबूत होते हैं, जिससे बुद्धि, ज्ञान, यश और समृद्धि में वृद्धि होती है।
आपने भी अकसर देखा होगा की जो लोग भगवान विष्णु और कृष्ण के भक्त होते हैं वो तुलसी की माला धारण करते हैं, क्योंकि तुलसी अपने गुणों के कारण इंसान के मन और आत्मा को पवित्र बनाती है। लेकिन तुलसी की माला पहनने के भी कुछ नियम भी है जिसे आपको जानना भी बेहद जरूरी भी है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी की माला पहनने के कुछ नियम हैं जिनका पालन करना बेहद जरूरी माना जाता है। कहा जाता है कि, नियम के अनुसार तुलसी की माला पहनने से पहले गंगाजल से उसे शुद्ध करके धूप दिखानी चाहिए और उसके बाद भगवान श्रीहरि की स्तुति करनी चाहिए।
ज्योतिष बताते है कि, जो भी साधक तुलसी की माला पहनता है, उसको लहसुन-प्याज, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन सब चीजों से तुलसी की पवित्रता समाप्त हो जाती है। अगर आप तुलसी की माला धारण करने जा रहे है,तो आपको इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
वैसे तो, तुलसी की माला किसी भी दिन पहना जा सकता है, लेकिन अगर तुलसी की माला को गुरुवार के दिन और शुभ मुहूर्त में धारण करने पर इसका फल दोगुना माना जाता है।
बाजार में तो तुलसी की माला आसानी से मिल जाती है लेकिन इसके असली और नकली में फर्क करना बेहद जरूरी है। अगर आपको इसकी पहचान करनी है तो आपको बेहद आसान तरीका बताते हैं। आप माला लेने के बाद 30 मिनट तक पानी में भिगो के रखिए, अगर उसका रंग न निकले, तो समझिए कि वो बिल्कुल असली तुलसी की बनी माला है।
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तुलसी मुख्य तौर पर दो तरह की होती है, श्यामा तुलसी गहरे श्याम वर्ण की होती है, और रामा तुलसी हल्के भूरे या हरे रंग में दिखाई देती है। दोनों ही तरह की तुलसी की मालाएं जप और पूजा में उपयोगी होती है।






