चेतेश्वर पुजारा (फोटो-सोशल मीडिया)
Cheteshwar Pujara: चेतेश्वर पुजारा ने कुछ दिन पहले ही क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद वो अब अपनी दूसरी पारी जल्द ही शुरू करने जा रहे हैं। भारतीय टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा जल्द ही कोच की भूमिका में या फिर बीसीसीआई के एनसीए (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) में कोई बड़ी जिम्मेदारी लेने से पीछे नहीं हटेंगे। पुजारा ने कहा कि वो किसी क्रिकेट से जुड़े रहना चाहते हैं।
क्रिकेट से संन्यास लेने के कुछ दिन बाद मीडिया एजेंसी से बात करते हुए पुजारा ने भविष्य की अपनी योजनाओं और अपनी करियर पर भी बात की। पुजारा ने भारत के लिए 103 मैच खेलते हुए 7000 से ज्यादा रन बनाए हैं। पुजारा ने कहा कि मुझे ब्रॉडकास्टिंग के काम में मजा आता है। मैं वह करता रहूंगा। कोचिंग या एनसीए (उत्कृष्टता केंद्र) की जहां तक बात है तो मैं इसके लिये तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि मैने इसके बारे में सोचा नहीं है। जब भी मौका मिलेगा, मैं इस पर फैसला लूंगा। मैं पहले भी कह चुका हूं कि खेल से जुड़ा रहना चाहता हूं। पुजारा ने कहा कि जिस तरह से भी भारतीय क्रिकेट में योगदान दे सकूं, मुझे खुशी होगी। संन्यास के बारे में बात करते हुए कहा कि खेल को अलविदा कहने का कोई अफसोस या मलाल नहीं है। पुजारा ने कहा कि आजकल टेस्ट क्रिकेट पहले जैसे पारंपरिक तरीके से नहीं खेला जा रहा, लेकिन फिर भी पारंपरिक बल्लेबाजों की अहमियत बनी हुई है।
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जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें इस बात का दुख है कि टेस्ट क्रिकेट में क्लासिकल (शास्त्रीय) बल्लेबाजी कम होती जा रही है, तो उन्होंने कहा कि मुझे दुख नहीं है। मुझे लगता है कि आज के समय में भी क्लासिकल बल्लेबाज जरूरी हैं। लेकिन वक्त बदल गया है और उसके साथ बदलना भी जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें किसी युवा खिलाड़ी को सलाह देनी हो, तो वह कहेंगे कि तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे, टी20) में खेलो, क्योंकि आजकल लिमिटेड ओवरों (वनडे और टी20) का क्रिकेट ज़्यादा होता है। पुजारा ने यह भी बताया कि अब टेस्ट टीम में भी वही खिलाड़ी चुने जाते हैं जो आईपीएल या वनडे में अच्छा खेलते हैं। इसलिए उनकी बल्लेबाजी में आक्रामकता (तेज खेल) देखने को मिलती है। उन्होंने हालांकि अभिमन्यु ईश्वरन और करूण नायर के उदाहरण भी दिये जिनका चयन रणजी टीम के प्रदर्शन के आधार पर हुआ।