
शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना (सो.सोशल मीडिया)
Shardiya Navratri 2024:शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो देवी दुर्गा को समर्पित है। यह नवरात्रि साल में चार बार मनाई जाती है, लेकिन शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इसे शारदीय इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह शरद ऋतु में मनाया जाता हैं।
आपको बता दें, इस पर्व को कई अलग अनुष्ठानों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है जिसमें कलश स्थापना प्रमुख है। कलश स्थापना को नवरात्रि पूजन का सबसे अहम चरण माना जाता है। यह अनुष्ठान दिव्य ऊर्जा के आह्वान का प्रतीक माना जाता है।
अब ऐसे में शारदीय नवरात्रि के दौरान पूजा-पाठ में किस धातु का कलश रखना शुभ माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस बारे में ज्योतिषाचार्य से-
पीतल का कलश माना जाता है शुभ
पीतल को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। यह धातु देवताओं को प्रिय मानी जाती है। पीतल में ऊर्जा संचार करने की क्षमता होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पीतल के बर्तन घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और वास्तु दोषों को दूर करते हैं।
नवरात्रि में स्थापित कलश में देवी का वास माना जाता है। पीतल का कलश इस वास को और अधिक शुभ बनाता है। कलश पूजन के दौरान पीतल के कलश में जल, गंगाजल, रोली, चावल आदि भरकर पूजा की जाती है।
पूजा में रखें सोने का कलश
वास्तु-शास्त्र के अनुसार,सोने को शुभ माना जाता है और इसे शुभ कार्यों में उपयोग किया जाता है। सोने के कलश का उपयोग पूजा में शुभता लाने के लिए किया जाता है। सोने का कलश होना आवश्यक नहीं है। आप तांबे, पीतल या मिट्टी का कलश भी उपयोग कर सकते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि कलश को शुद्ध मन से स्थापित किया जाए।
पूजा में रखें तांबे का कलश
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, देवी का वाहन सिंह है और तांबा सिंह राशि का धातु माना जाता है। इसलिए, तांबे के कलश में देवी का आवाहन करना शुभ माना जाता है। तांबा एक अच्छा ऊर्जा का संवाहक होता है। यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है।






