
धनु संक्रांति पर भूलकर भी ना करें ये 5 काम (सौ.सोशल मीडिया)
Dhanu Sankranti Religious Mistakes: 16 दिसंबर को धनु संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा हैं। यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं और इस दिन स्नान-दान के लिए पुण्यकाल और महापुण्य काल का विशेष महत्व होता है।
आपको बता दें, इस वर्ष, पंचांग के मुताबिक, धनु संक्रांति पर पुण्य काल सुबह 7 बजकर 06 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। जबकि, इस दिन महापुण्य काल सुबह 7 बजकर 06 मिनट से लेकर 8 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
कहा जाता है कि धनु संक्रांति पर किए कुछ शुभ कार्य जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं. जबकि, कुछ कार्य ऐसे भी हैं जिन्हें करने से नकारात्मक फल मिल सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं धनु संक्रांति के दिन कौन से 5 काम नहीं करने चाहिए?
धनु संक्रांति के दिन क्रोध, अपशब्द और अहंकार से बचने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि सूर्य तेज और मर्यादा का प्रतीक हैं, इसलिए इस दिन शांत और संयमित व्यवहार अपनाना शुभ होता है। व्यावहारिक रूप से भी यह दिन रिश्तों को सुधारने का अच्छा मौका हो सकता है।
संक्रांति के अवसर पर दान का विशेष महत्व बताया गया है। जरूरतमंद की मदद न करना या सामर्थ्य होने के बावजूद दान से पीछे हटना अशुभ माना जाता है। वर्तमान समय में दान का अर्थ केवल वस्तु देना नहीं, बल्कि समय, भोजन या सहायता देना भी हो सकता है।
धनु संक्रांति पर तामसिक भोजन, नशा और असंयम से दूर रहने की परंपरा है। आज के हेल्थ ट्रेंड को देखें तो सात्त्विक और हल्का भोजन न सिर्फ धार्मिक, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी फायदेमंद माना जाता है।
इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल अर्पित करना शुभ माना जाता है। पूजा-पाठ को बोझ समझकर टालना या आलस्य करना उचित नहीं माना जाता। व्यावहारिक तौर पर यह दिन की सकारात्मक और अनुशासित शुरुआत का प्रतीक है।
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धनु संक्रांति को नई ऊर्जा और सकारात्मक संकल्प का दिन माना जाता है। इस दिन निराशा, ईर्ष्या और नकारात्मक विचारों से दूरी बनाकर अच्छे संकल्प लेना लाभकारी माना जाता है।






