सावन सोमवार का व्रत (सौ.सोशल मीडिया)
Sawan Somwar Vrat 2025: देवों के देव महादेव की पूजा-अराधना के लिए समर्पित सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता हैं। बता दें कि इस वर्ष सावन महीने की शुरुआत 11 जुलाई से हो चुकी हैं, जिसका समापन 9 अगस्त 2025 रक्षा बंधन को होगा। आपको बता दें, इस साल 2025 में चार सावन सोमवार व्रत पड़ेंगे, जिसमें पहला सावन सोमवार व्रत आज 14 जुलाई को रखा गया हैं।
धार्मिक मतों के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत रखने वाले भक्तों पर महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं। इस दिन व्रत रखकर लोग शिवलिंग का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और पूजन आदि जैसे कार्य करते हैं।
मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और समस्याओं से मुक्ति मिलती हैं। आपको बता दें, व्रत के साथ ही व्रत का पारण भी विधि-विधान से करना जरूरी होता है, तभी पूजा सफल और संपन्न मानी जाती हैं।
आइए जानते है सावन सोमवार व्रत का पारण कब और कैसे करें, जानें सही समय और नियम
शिवधर्मोक्त शास्त्र के अनुसार संध्याकाले पूजनान्ते विधिना पारणं कुर्यात्.
अर्थात व्रत का पारण संध्या के समय पूजा पूर्ण होने के बाद करना चाहिए।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, किसी भी व्रत का फल तभी मिलता है जब पारण भी सही समय और सही विधि से किया जाए। बता दें, सावन सोमवार व्रत का पारण करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
सावन सोमवार व्रत का पारण अगले दिन यानी मंगलवार 15 जुलाई को सूर्योदय के बाद किया जाता है। व्रत का पारण सूर्योदय (ब्रह्म मुहूर्त) के बाद किया जाता है। सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करना परंपरागत माना जाता है।
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मंगलवार के दिन सुबह स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहन लें और भगवान शिव की पूजा करें। ब्राह्मण और जरूरतमंदों में अपने सामर्थ्यनुसार अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान करें। इसके बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए। इस विधि से व्रत का पारण करने पर व्रत सफल और संपन्न होता है और शिव कृपा प्राप्त होती है।