शनि जयंती पर दीपक जलाने के नियम (सौ. सोशल मीडिया)
भगवान शनिदेव की जयंती इस साल 27 मई दिन मंगलवार को मनाई जाने वाली है। यहां पर शनिदेव की आराधना इस दिन सच्चे मन से करने पर ढैय्या, साढ़ेसाती में लाभ मिलता है। इसके अलावा जीवन में आई नकरात्मकता का अंत होता है। शनि जयंती पर आप शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए दिए जा रहे नियमों का पालन कर सकते है कहते है कि, इस दिन दीपक जलाना शुभ होता है। शनि जयंती पर दीपक कब जलाना चाहिए और क्या विधि या नियम होते है। इसके बारे में ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि जयंती के दिन दीपक जलाने को जहां पर शुभ माना जाता है वहीं पर दीपक जलाने का अर्थ अंधकार को दूर करने के साथ जीवन में उजियारा लाने से होता है। कहते हैं कि, शनि जयंती के मौके पर प्रदोष काल यानि सूर्यास्त 07:12 बजे शाम के समय दीपक जलाना चाहिए।प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद से जब अंधेरा प्रारंभ हो, तो उसे मानना चाहिए। इसके अलावा शनि देव का दीपक जलाएं। जिन लोगों को किसी कारणवश शाम में समय नहीं मिल पा रहा है तो वे सुबह में शनि मंदिर में जाकर दीपक जला सकते हैं।
आपको बताते चलें कि, शनि जयंती के दिन दीपक जलाने का महत्व होता है। इसके लिए आप शनि मंदिर में तो दीपक जला सकते है। अगर मंदिर घर के पास मौजूद ना हो तो आप शमी के पेड़ के नीचे शनिदेव का दीपक जला सकते है। यहां पर दीये के लिए आप सरसों के तेल या तिल के तेल का दीपक जला सकते हैं। यहां पर सरसों के तेल की उपलब्धता सभी लोगों के घरों में होती है, इसलिए आप सरसों के तेल का दीपक जलाएं। यहां पर कहा जाता है कि, शनि जयंती के दिन दीपक जलाने से फायदे मिलते है।शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का दुष्प्रभाव खत्म होगा, ग्रह शांति में लाभ हो सकता है।
आपको बताते चलें, शनि जयंती के दिन दीपक जलाने का महत्व होता है इसकी सामग्री होती है।
1. मिट्टी, स्टील या फिर लोहे का एक दीपक.
2. सरसों का तेल या तिल का तेल
3. रुई की बत्ती
4. दीपक जलाने के लिए माचिस
5. काले तिल, फूल, फल, धूप, प्रसाद आदि.
1. शनि जयंती के अवसर पर शनि मंदिर में दीपक जलाने की सामग्री के साथ जाएं।
2. जहां पर दीपक जलाना है, उस स्थान को साफ कर लें. पश्चिम दिशा हो तो ज्यादा अच्छा है क्योंकि ये शनि देव की दिशा मानी जाती है।
3. सबसे पहले शनि देव की पूजा फल, फूल, अक्षत्, धूप आदि से करें।
4. फिर दीपक में रूई की बत्ती लगाएं और उसमें तेल डाल दें।
5. यदि सरसों के तेल का दीपक जला रहे हैं तो दीपक में थोड़ा सा काला तिल डाल दें।
6. दीपक जलाने के समय ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का उच्चारण करें।
7. दीप जलाने के बाद शनि देव से प्रार्थना करें कि वे आपके कष्टों को दूर करें और मनोकामनाओं की पूर्ति करें।
8. दीपक जलाते समय मन को शुद्ध और सकारात्मक भाव के साथ रखें।
9. उस समय काले या नीले रंग के कपड़े पहनें तो और अच्छा रहेगा।
10. तामसिक वस्तुओं का सेवन उस दिन न करें।