विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा इसे हत्या बताया
SMS hospital fire Detail News: जयपुर के सबसे बड़े SMS अस्पताल में 8 मरीजों की दर्दनाक मौत के बाद राजस्थान की सियासत में भूचाल आ गया है। विपक्ष ने इसे सिर्फ एक हादसा मानने से इनकार कर दिया है और सरकार पर लापरवाही का सीधा आरोप लगाते हुए इसे “हत्या” करार दिया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अस्पताल का दौरा करने के बाद जो खुलासा किया, वह दिल दहला देने वाला है। उन्होंने कहा कि जब ICU में आग की चिंगारी भड़की, तो मरीजों को बचाने के बजाय अस्पताल का स्टाफ अपनी जान बचाकर भाग गया।
सोमवार सुबह अस्पताल पहुंचे नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने बेहद भावुक होते हुए कहा, “यह हादसा नहीं, हत्या है। अंदर के हालात बहुत भयावह हैं।” लोगों ने उन्हें बताया कि स्टाफ को आग लगने की सूचना दी गई थी, लेकिन वे भाग खड़े हुए। बेबस परिजनों ने खुद अपने मरीजों को धुएं के बीच से बाहर निकाला। जूली ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को दिल्ली के दौरे छोड़कर राज्य के हालात पर ध्यान देना चाहिए, जहां हादसों की हदें पार हो गई हैं।
परिजनों की आँखों में दर्द और असहायता देख मन व्यथित हो उठा, आगजनी की इस भयावह त्रासदी ने हृदय को झकझोर कर दिया l 📍SMS अस्पताल, ट्रॉमा सेंटर में परिजनों से मुलाक़ात कर उनका दुःख साझा किया l pic.twitter.com/bFzxN3GbYm — Tika Ram Jully (@TikaRamJullyINC) October 6, 2025
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस घटना को स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अव्यवस्था की भयावह मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि सिस्टम की कमी की वजह से लोगों की जानें जा रही हैं। टीकाराम जूली ने आगे कहा, “राजस्थान में सरकार नहीं, सर्कस चल रहा है। इन लोगों ने मजाक बना रखा है।” उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल मुआवजे का ऐलान करे और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
Talked to media
📍SMS Hospital,Jaipur pic.twitter.com/CartShLB0C — Tika Ram Jully (@TikaRamJullyINC) October 6, 2025
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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस पीड़ितों के परिजनों को विरोध प्रदर्शन न करने के लिए धमका रही है, जो कि बेहद शर्मनाक है। विपक्ष का कहना है कि यह घटना सरकार की विफलता का प्रतीक है। इससे पहले झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत और भांकरोटा में गैस टैंकर ब्लास्ट में 20 से ज्यादा लोगों के जिंदा जलने जैसी घटनाएं भी सिस्टम की इसी लापरवाही का नतीजा थीं।