RLP प्रमुख हनुमान बेनीवाल व कांग्रेस नेता सचिन पायलट (फोटो- सोशल मीडिया)
जयपुर: राजस्थान की सियासत एक बार फिर गरमाई हुई है। जयपुर में आयोजित एक बड़ी महारैली के दौरान एक तरफ जहां एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने की मांग ने जोर पकड़ा, वहीं दूसरी ओर हनुमान बेनीवाल का बयान सियासी हलकों में चर्चा का कारण बन गया। उन्होंने कहा कि अगर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाए, तो वे तीन विधायक देने को तैयार थे। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हाईकोर्ट में एसआई भर्ती मामले पर सुनवाई होनी है। बेनीवाल की इस रैली और बयान से राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
हनुमान बेनीवाल की जयपुर में आयोजित युवा आक्रोश महारैली ने न केवल बेरोजगारी के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया बल्कि आरपीएससी को भंग कर उसके पुनर्गठन की मांग को भी हवा दी। उन्होंने कहा कि एसआई भर्ती में गड़बड़ियों के खिलाफ प्रदेश के युवाओं का यह आंदोलन आजादी के पहले के संघर्ष से भी बड़ा है। राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों से आए युवाओं ने चिलचिलाती गर्मी में भी रैली में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपना गुस्सा जाहिर किया।
गहलोत सरकार को लेकर बड़ा दावा
रैली के दौरान बेनीवाल ने कहा कि अगर उन्हें सत्ता में आने की मंशा होती, तो पूर्व मुख्यमंत्री उनके पीछे थे। उन्होंने बताया कि उन्हें तीन विधायक देने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने शर्त रखी थी कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाए। उन्होंने इसे जाट और गुर्जर एकता से जोड़ा और कहा कि दोनों ही समाज भाई हैं और एकजुट होकर अपनी बात रखते हैं।
RPSC पर सीधा निशाना, पुनर्गठन की मांग
उन्होंने कहा कि जब मंत्री और विधायक जेल जा सकते हैं तो आरपीएससी को भंग क्यों नहीं किया जा सकता। उनकी मांग है कि यूपीएससी की तर्ज पर आरपीएससी का पुनर्गठन किया जाए। साथ ही उन सभी भर्तियों की सीबीआई जांच हो, जिनमें गड़बड़ी हुई है। उन्होंने सरकार से खाली पड़े चार लाख पदों को भरने के लिए जल्द से जल्द भर्ती कैलेंडर जारी करने की अपील की। बता दें ये बयान हनुमान बेनीवाल ने SI भर्ती रैली के विरोध प्रर्दशन के दौरान कही है।