कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी
कानपुर: नीति आयोग की दसवीं गवर्निंग काउंसिल मीटिंग में दिए गए एक बयान पर राजनीतिक बहस में बदल गया। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आयोग किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले भारत की स्थिति ग्लोबल हंगर इंडेक्स में जरूर देखे, जहां हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी पीछे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग महज एसी कमरे में बैठकर वही बातें दोहराता है जो प्रधानमंत्री कहते हैं। उनके बयान ने नीति आयोग की निष्पक्षता और जमीनी हकीकत से उसके जुड़ाव पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दूसरी ओर, उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अब राहुल गांधी के दबाव के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मजबूरी में ही सही, लेकिन अब वे मुख्यमंत्रियों को पहचानने लगे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पहले तो प्रधानमंत्री राज्यों के नेताओं को नजरअंदाज करते थे, लेकिन अब विपक्ष की सक्रियता ने उनकी राजनीति की दिशा बदल दी है।
#WATCH | Kanpur, UP | On NITI Aayog CEO BVR Subrahmanyam’s statement in the 10th NITI Aayog Governing Council Meeting, Congress MP Pramod Tiwari says, “Before NITI Aayog draws any conclusions, they should first see the hunger index in which we are below Bangladesh, Pakistan, and… pic.twitter.com/LegM1xLi2S
— ANI (@ANI) May 25, 2025
हंगर इंडेक्स में गिरती भारत की रैंकिंग पर चिंता
प्रमोद तिवारी ने सवाल उठाया कि जब देश की स्थिति ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अपने पड़ोसी देशों से भी खराब हो, तब विकास और उपलब्धियों की बातें कैसे की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग को यह समझना चाहिए कि जमीनी स्तर पर हालात क्या हैं, न कि केवल प्रधानमंत्री की बातों को ही दोहराया जाए। उनका मानना है कि असली चुनौतियों को नजरअंदाज कर सरकार केवल दिखावे की कोशिश कर रही है।
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राहुल गांधी के दबाव में बदला रवैया
एनडीए की मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की हालिया बैठक पर तिवारी ने कहा कि विपक्ष ने इतना दबाव बना दिया है कि प्रधानमंत्री को अब राज्य सरकारों की उपस्थिति का एहसास हो रहा है। पहले वे कई नेताओं को पहचानने से भी इनकार कर देते थे, लेकिन अब उन्हें साथ लेना उनकी मजबूरी बन गई है। उनका इशारा था कि लोकतंत्र में संतुलन और समावेश जरूरी है, जिसे अब विपक्ष ने मजबूरी में ही सही, केंद्र से मनवाया है।