सांकेतिक तस्वीर
गंगटोक: सिक्किम की गिनती फेमस टूरिस्ट्स डेस्टिनेशन में की जाती है। हर साल यहां हजारों की संख्या में टूरिस्ट्स घूमने आते हैं, लेकिन सिक्किम ही भारत की एक ऐसी जगह है, जहां अभी तक कोई रेलवे स्टेशन नहीं है, लेकिन अब उम्मीद है यहां के लोगों को जल्द ही रेलवे कनेक्टिविटी की सुविधा मिल जाएगी। दरअसल रेल मंत्रालय ने सिक्किम में रेलवे लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्य में रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। नई लाइन को मेली से डेंटम तक चलाने की योजना है, जो जोरेथांग और लेगशिप से होकर गुजरेगी। रेलवे द्वारा किए जाने वाले इस सर्वेक्षण को 2.25 करोड़ रुपए की लागत से मंजूरी दी गई है।
यूं तो सिक्किम में रेल सुविधा शुरू होने का फायदा पूरे देश को होगा, लेकिन सबसे अधिक लाभ खासकर पश्चिम और दक्षिण के क्षेत्रों को पहुंचेगा। इस खास प्रोजेक्ट में भारत-नेपाल सीमा के करीब चिवाभंजयांग में स्थित डेंटम जैसे अलग-थलग समुदायों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। जिसके बाद लोगों को आवाजाही में भी काफी वृद्धि होगी।
सिक्किम में जल्द ही नई रेलवे लाइन का निर्माण शुरू किया जाएगा, हालांकि अभी तक निर्माण शुरू होने की कोई सटीक तारीख के बारे में नहीं बताया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये नई लाइन 2027 तक चालू होने की उम्मीद है। ऐसे में लोगों को अभी इसका लंबा इंतजार करना होगा।
इस नई रेलवे कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट से सिक्किम में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, खासकर ग्यालशिंग और आसपास के इलाकों में। इसी के साथ यहां पर रेलवे लाइन शुरू होने से टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
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16 मई 1975 को भारत में सिक्किम 22वें राज्य के तौर पर शामिल हुआ था, जिसके बाद से अभी तक यहां न तो कोई रेलवे स्टेशन है और न ही कोई रेलवे लाइन। जिसका प्राथमिक कारण इसका भूगोल और ऊबड़-खाबड़ इलाका है। जिसके कारण रेलवे ट्रैक के निर्माण में काफी परेशानी लंबे समय से इंजीनियर्स को झेलनी पड़ रही है। यही नहीं सिक्किम एक पहाड़ी राज्य है ऐसे में यहां पर खड़ी ढलान, गहरी घाटियां और अप्रत्याशित मौसम के कारण भी इतने सालों से यहां रेलवे स्टेशन या रेलवे लाइन नहीं बन पाई है।