
भारतीय रेलवे (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
मुंबई: मुंबई में मेट्रो के बाद अब रेलवे भी जमीन के नीचे दौड़ने की तैयारी में है। सेंट्रल रेलवे पर परेल-करी रोड और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के बीच 5वीं और 6वीं रेलवे लाइन के लिए भूमिगत सुरंग बनाने की दिशा में रेलवे ने कोशिश शुरू कर दी है। रेलवे की सोच ये है कि अगर मुंबई मेट्रो जमीन के नीचे चल सकती है, तो रेलवे क्यों नहीं? अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो मुंबई को अपनी पहली अंडरग्राउंड रेलवे लाइन मिल सकती है।
मध्य रेलवे पर 5वें और 6वें रेलवे कॉरिडोर के पहले चरण का काम, जो कुर्ला से परेल तक है, इस वक्त चल रहा है। इसके बाद दूसरे चरण में परेल से सीएसएमटी तक 7.4 किलोमीटर के मार्ग को शामिल किया गया है। हालांकि, इस दूसरे चरण के प्रोजेक्ट में लैंड रेक्लमेशन और प्रोजेक्ट से प्रभावित लोगों के पुनर्वास जैसी बड़ी चुनौतियां रेलवे के सामने हैं।
इन चुनौतियों को देखते हुए रेलवे यह विचार कर रही है कि क्या जमीन के नीचे सुरंग खोदकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। अगर रेलवे लाइन जमीन के नीचे बिछाई जाती है, तो सभी समस्याएं हल हो जाएंगी और यात्रा भी आसान होगी। रेलवे का तर्क है कि अगर मुंबई मेट्रो ये कर सकती है, तो रेलवे क्यों नहीं कर सकती है।
हालांकि, रेलवे का ये महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, लेकिन ये अभी बिल्कुल शुरुआती चरण में है। मुंबई रेल विकास कॉरपोरेशन और मध्य रेलवे ने इस बारे में कई बार बैठकें की हैं। प्रस्तावित अंडरग्राउंड रेलवे मार्ग के लिए अभी तक कोई रूपरेखा तैयार नहीं की गई है।
अगर अंडरग्राउंड रेलवे कॉरिडोर को मंजूरी मिलती है, तो पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 3000 करोड़ रुपये होगी। केवल ओवरलैंड लाइनों (जमीन के ऊपर) के साथ 2008 में अनुमानित लागत 890.89 करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में संशोधित कर 1337 करोड़ रुपये किया गया है।






