
तेंदुए की खाल (सौजन्य-नवभारत)
Wildlife Crime Wardha: तेंदूए की खाल की तस्करी के मामले में वन हिरासत के दौरान आरोपियों द्वारा किए गए सनसनीखेज खुलासे से वन विभाग में खलबली मच गई है। आरोपियों ने कबूल किया है कि तेंदूए की खाल और नाखून निकालने के बाद उसके शव को जला कर नष्ट कर दिया गया।
तेंदूए की खाल को करोड़ों रुपये में बेचने की योजना बना रहे शालिनी पवार, अनिस तुमडाम और सौरभ रंदई को क्षेत्रीय वन विभाग की टीम ने पहले हिरासत में लेकर गिरफ्तार किया। इसके बाद मामले में तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में अनिस तुमडाम, शालिनी पवार (कौरती), सौरभ रंदई, शुभम गुणवंत थोटे, स्वप्नील गुणवंत थोटे और नामदेव सीताराम मसराम शामिल हैं।
सभी को न्यायालयीन हिरासत में भेज दिया गया है। हालांकि, वन हिरासत के दौरान वन विभाग के अधिकारियों ने आरोपियों से गहन पूछताछ की, जिसमें अपराध से जुड़ी अहम जानकारियां सामने आईं। आरोपियों ने बताया कि रविवार 30 नवंबर को हिंगणा क्षेत्र में खेत की तारबंदी में विद्युत प्रवाह छोड़ा गया था।
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इसी बिजली प्रवाहित तार के संपर्क में आने से तेंदूए की मौत हो गई। सोमवार 1 दिसंबर की तड़के इस बात की जानकारी आरोपियों को मिली। इसके बाद किसी को जानकारी दिए बिना, आरोपियों ने बकरी की खाल उतारने वाले व्यक्ति की मदद से मृत तेंदूए के नाखून और खाल अलग की। फिर तेंदूए के शव को जला कर नष्ट कर दिया गया।
इसके अलावा तेंदुए के नाखून हिंगणा क्षेत्र के एक बहते नाले में फेंक देने की भी आरोपियों ने जांच अधिकारी के सामने कबूल की है, ऐसा विश्वसनीय सूत्रों ने बताया। इस मामले की आगे की जांच उपवनसंरक्षक हरवीरसिंह के मार्गदर्शन में हिंगणा (प्रादेशिक) वन परिक्षेत्र अधिकारी मीनल तुरखडे, क्षेत्र सहायक डी. ए. उईक और वनरक्षक एस. डी. दांडगे द्वारा की जा रही है।






