
कोयला स्कैम (सौजन्य-IANS)
Power Plant Coal Scam: सबसे बड़े आर्थिक कोयला घोटालों का विस्फोट होने के संकेत मिल रहे हैं। CBI ने निलजई खदान, महामाया कोल वॉशरी, वेब्रिज, सब-एरिया कार्यालय और कुबेर के खजाने के लिये प्रसिद्ध घुग्घुस के वंदना ट्रांसपोर्ट से जुड़े कई ठिकानों पर एक साथ दबिश दी है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की गई 60 घंटे की मैराथन कार्रवाई के बाद अब इस प्रकरण में FIR दर्ज होने की पूरी संभावना जताई जा रही है।
जांच के प्राथमिक निष्कर्षों में हजारों करोड़ रुपये के कोयला घोटाले की परतें खुलती दिख रही हैं। वणी तहसील के पिंपलगांव और उसगांव में स्थित हिंद मिनरल्स की दो कोल वॉशरियां तथा घुग्घुस (माथारदेवी) में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी राजू अग्रवाल व अन्य भागीदारों की महामाया कोल वॉशरी लंबे समय से जांच के घेरे में है।
इन तीनों वॉशरियों को महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और कर्नाटक के विभिन्न पावर प्लांट्स को उच्च गुणवत्ता का कोयला आपूर्ति करने के ठेके प्राप्त हैं। वणी (राजूर) रेलवे साइडिंग, विमला रेलवे साइडिंग (ताडाली) और राजुरा की पांढरपोहणी रेलवे साइडिंग के माध्यम से बड़े पैमाने पर कोयले की ढुलाई की जा रही है।
आरोप है कि कोल वॉशरी और प्राइवेट रेलवे सायडींग के जरिये दर्जेदार कोयले के नाम पर घटिया और निकृष्ट गुणवत्ता वाला कोयला पावर प्लांट्स को सप्लाई किया गया है। जबकि अच्छा कोयला खुले बाजार में खपाया गया है। महाजनको, एमपीजनको और केपीसीएल को अधिकारियों, निजी रेलवे साइडिंग संचालकों, कोल वॉशरियों और ट्रांसपोर्ट कंपनियों की मिलीभगत से हजारों करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया है।
वेकोलि के वणी क्षेत्र में स्थित निलजई कोयला खदान और महामाया कोल वॉशरी में कथित अनियमितताओं के बाद अब जांच की आंच एक दूसरी कोल वॉशरी तक पहुंचती नजर आ रही है। सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2019 में महाराष्ट्र खनिज महामंडल को वणी क्षेत्र से कोयला आपूर्ति का ठेका दिया गया था। जांच में सामने आया है कि तय मानकों के विपरीत कोयले की मात्रा में हेराफेरी, तौल में गड़बड़ी और लाखों मीट्रिक टन कोयले के गुम होने की आशंका है।
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CBI की 12 सदस्यीय विशेष टीम ने निलजई कोयला खदान, महामाया कोल वॉशरी, वेब्रिज, सब-एरिया कार्यालय और घुग्घुस की चर्चित वंदना ट्रांसपोर्ट से जुड़े कई ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की अनुमान है कि करीब 2.75 करोड़ टन से अधिक शुद्ध कोयला ‘रिजेक्ट’ बताकर खुले बाजार में खपाया गया। इस घोटाले की रकम हजारों करोड़ रुपये तक पहुंचने की चर्चा है। पूरे प्रकरण की आर्थिक व्याप्ति 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक होने की आशंका जताई जा रही है।






