ठाणे बस स्टॉप ( pic credit; social media)
Thane bus service: ठाणे की सार्वजनिक बस सेवा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। नई बस रूटों की शुरुआत के बाद जहां लोगों को राहत की उम्मीद थी, वहीं अब स्थिति और खराब हो गई है। कई रूटों पर बसों की संख्या बेहद कम कर दी गई है, जिसके कारण बस स्टॉप पर यात्रियों की लंबी कतारें लग रही हैं।
गुरुवार की सुबह ऑफिस और कॉलेज जाने के समय तो हालात इतने बिगड़ गए कि कुछ बस स्टॉप पर यात्रियों को डेढ़-दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान बस आने पर उसमें चढ़ने की होड़ मच गई। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा।
यात्रियों ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि ठाणे नगर परिवहन (टीएमटी) की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। एक यात्री ने कहा, “नई रूट शुरू करने का फायदा क्या, जब बसें ही समय पर नहीं चलतीं। रोज लेट होने से ऑफिस में डांट खानी पड़ती है।”
कई स्टॉप पर यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए ट्रैफिक पुलिस को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। वहीं, कुछ बस ड्राइवरों का कहना है कि वाहनों की कमी और खराब प्रबंधन के कारण समय पर सेवाएं देना मुश्किल हो रहा है।
एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि स्थानीय नागरिक संघटनों का आरोप है कि नगर निगम सिर्फ घोषणाएं करता है, लेकिन ग्राउंड लेवल पर कुछ नहीं बदलता। “ठाणे जैसे तेजी से बढ़ते शहर में सार्वजनिक परिवहन की रीढ़ ही कमजोर है। जब तक बसों की संख्या दोगुनी नहीं होगी, तब तक समस्या खत्म नहीं होगी।”
प्रशासन का कहना है कि फिलहाल नई बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू की गई है और जल्द ही रूटों पर अतिरिक्त बसें लगाई जाएंगी। लेकिन तब तक यात्रियों की मुश्किलें जारी रहने वाली हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ठाणे जैसे शहर में जहां रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं, वहां सार्वजनिक परिवहन का मजबूत होना बेहद जरूरी है। अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो लोग निजी गाड़ियों का इस्तेमाल बढ़ाएंगे, जिससे ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों बढ़ेंगे। लोगों की एक ही मांग है कि बस सेवा को दुरुस्त किया जाए, बसों की संख्या बढ़ाई जाए और समयबद्ध संचालन सुनिश्चित किया