मोहन भगवत और नरेंद्र मोदी (फोटो: ANI/PTI)
नागपुर. देश में लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बन गई है। इसके एक दिन बाद सोमवार (10 जून) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी सरकार को आईना दिखाया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में झूठ को फैलाने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और विपक्ष द्वारा एक दूसरे के खिलाफ लगाए आरोपों पर भी चिंता व्यक्त की। साथ ही उन्होंने चुनाव लड़ने की गरिमा को ठेस पहुंचाने का भी आरोप लगाया।
नागपुर के रेशमबाग में डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर में संगठन के ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय’ के समापन कार्यक्रम में आरएसएस प्रशिक्षुओं की एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की एक अनिवार्य प्रक्रिया है। जिसमें दो पक्ष होने के कारण प्रतिस्पर्धा होती है। चूंकि यह प्रतिस्पर्धा है, इसलिए खुद को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। लेकिन इसमें एक गरिमा होती है।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए झूठ का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। संसद में जाने और हमारे देश को चलाने के लिए लोगों को चुना जा रहा है। वे सहमति बनाकर ऐसा करेंगे। यह प्रतिस्पर्धा कोई युद्ध नहीं है। सरकार-विपक्ष ने एक दूसरे की जिस तरह की आलोचना की गई, जिस तरह से अभियान चलाया गया, उससे समाज में मतभेद पैदा होगा और विभाजन होगा, इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। आरएसएस जैसे संगठनों को भी इसमें बेवजह घसीटा गया।
#WATCH | Nagpur, Maharashtra: RSS chief Mohan Bhagwat says, “…Elections are an essential process of democracy. Since there are two sides in it there is a contest. Since it is a contest efforts are made to take oneself forward. But there is a dignity to it. Lies should not be… pic.twitter.com/cIjAtvkdTB
— ANI (@ANI) June 10, 2024
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इस चुनाव में टेक्नोलॉजी की मदद से झूठ को पेश किया गया। झूठ को फैलाने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया। ऐसे देश कैसे चलेगा? विपक्ष को विरोधी नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि वे विपक्ष हैं, एक पक्ष को उजागर कर रहे हैं। उनकी राय भी सामने आनी चाहिए। चुनाव लड़ने की एक गरिमा होती है। उस गरिमा को बनाए नहीं रखा गया। ऐसा करना ज़रूरी है क्योंकि हमारे देश के सामने चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं। वही एनडीए सरकार फिर से सत्ता में है, यह सही है कि पिछले 10 सालों में बहुत सारी सकारात्मक चीजें हुई हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अब हम चुनौतियों से मुक्त हो गए हैं।
भागवत में देश में बढ़ती गर्मी और पेयजल के संकट पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले बहुत गर्मी थी। यह साल किसी भी अन्य वर्ष की तुलना में अधिक गर्म था और यह हर जगह, यहां तक कि हिल स्टेशनों पर भी था। बेंगलुरु में पानी का संकट था। ग्लेशियरों के पिघलने के बारे में समाचार लेख आ रहे हैं। यह दुनिया भर में जलवायु संकट है। भारत जो अपनी संस्कृति के कारण पर्यावरण के अनुकूल कार्य करता है, वह भी इस संकट का सामना कर रहा है, क्योंकि विकास के मार्ग का विजन अधूरा है उसे बदलना होगा, सभी को बदलना होगा।
#WATCH | Nagpur, Maharashtra: RSS chief Mohan Bhagwat says, “…We need unity and culture in society. The speciality of our society is filled with diversity. Ours is a society that knows that this diversity is an illusion and it continues for a few days…At the base, we are all… pic.twitter.com/wlgguAufrg
— ANI (@ANI) June 10, 2024
उन्होंने कहा कि दुनिया भारत का अनुसरण करने जा रही है कि भारत, जिसके पास पहले से ही यह विजन है, वह खुद को कैसे बदलता है। हमें विकास के लिए अपना रास्ता खुद बनाना होगा। हम प्रकृति के विजेता नहीं हैं, हम उसका एक हिस्सा हैं। हमें उसका पोषण करने का ध्यान रखना होगा। हमें उसके अनुसार अपने विकास के मापदंड तय करने होंगे।”