राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (फोटो- सोशल मीडिया)
Vasundhara Raje Meeting With Mohan Bhagwat: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बीच हुई मुलाकात ने राजस्थान की राजनीति में नई अटकलों को जन्म दे दिया है। गुरुवार को जोधपुर में हुई इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह बैठक बंद दरवाजे के पीछे हुई और लगभग 20 मिनट तक चली। इस गुप्त मुलाकात के बाद से हर कोई यह जानना चाहता है कि क्या इस बैठक में राजस्थान के भविष्य को लेकर कोई महत्वपूर्ण चर्चा हुई है?
वसुंधरा राजे और मोहन भागवत की यह मुलाकात जोधपुर के लाल सागर इलाके में आदर्श विद्या मंदिर में हुई। हालांकि, इस मुलाकात में दोनो के बीच क्या बातचीत हुई इसका कोई आधिकारिक विवरण सामने नहीं है, लेकिन राजस्थान की राजनीति में इसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही खेमों में यह जानने की उत्सुकता है कि दोनों के बीच किन मुद्दों पर क्या बात हुई है। इस मुलाकात को ऐसे समय में और भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब राजे राज्य में दरकिनार चल रही हैं।
इस मुलाकात को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में वसुंधरा राजे ने ‘वनवास’ को लेकर एक बयान दिया था, जिसकी खूब चर्चा हुई थी। उन्होंने धौलपुर में कहा था, ‘वनवास हर किसी के जीवन में आता है, लेकिन यह स्थायी नहीं होता है। यह आता है और जाता है। धैर्य रखना चाहिए।’ यह बयान उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की ओर इशारा कर रहा था। ऐसे में आरएसएस प्रमुख से उनकी मुलाकात को उनकी राजनीतिक वापसी की कोशिशों से जोड़कर देखा जा रहा है।
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मोहन भागवत इस समय जोधपुर के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां वे आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों के बीच समन्वय बैठक में शामिल होने आए हैं। यह बैठक 5 से 7 सितंबर तक चलेगी, जिसमें आरएसएस और उससे जुड़े 32 संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। भागवत से मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे ने सुरसागर में बाबा रामदेवड़ा और राइका बाग के जुगलजोड़ी मंदिर का भी दौरा किया। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुलाकात का असर राजस्थान की राजनीतिक समीकरणों पर क्या पड़ता है, खासकर जब राज्य में आने वाले समय में चुनाव होने हैं।