पुणे महानगरपालिका (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Pune News In Hindi: पुणे शहर में पैदल यात्रियों की सड़क दुर्घटनाओं में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक 70 पैदल यात्रियों की अलग अलग सड़क हादसों में मौत हुई है, पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान यह संख्या 65 थी। पूरे 2024 में कुल 119 और 2023 में 121 पैदल यात्रियों की जान गई थी। ये आंकड़े पुणे ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी किए गए हैं।
नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और यातायात विशेषज्ञों का मानना है कि शहर में पैदल यात्रियों के लिए बुनियादी ढांचे की कमी और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी इस बढ़ते खतरे का मुख्य कारण है। भारी वाहन और हल्के वाणिज्यिक वाहन (LCVs) से होने वाली दुर्घटनाएं सबसे ज्यादा घातक साबित हुई हैं।
पुलिस ने बताया सड़क पार करते अथवा सड़क के किनारे चलने वाले यात्री सबसे अधिक पुणे-सोलापुर हाईवे, पुणे-सासवड रोड, कात्रज-देहू रोड बायपास और पुणे-नगर हाईवे पर सबसे अधिक मौत का शिकार हुए। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनोज पाटिल ने कहा कि सड़क डिजाइन करते समय पैदल यात्रियों को केंद्र में रखना चाहिए। हम पुणे मनपा के साथ मिलकर पैदल यात्रियों के लिए ढांचा सुधारने पर काम कर रहे हैं। कई जगहों पर जैसे डेक्कन और कोथरुड क्षेत्र में पैदल यात्री क्रॉसिंग सिग्नल लगाए गए हैं, आगे भी इस प्रकार के सिग्नल लगाए जायेंगे। पुलिस के अनुसार, उचित फुटपाथ का अभाव, सुरक्षित पैदल यात्री क्रॉसिंग की कमी और हाईवे पर अंडरपास या ओवरब्रिज न होना मौतों के प्रमुख कारण हैं।
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एनजीओ पैडेस्ट्रियन्स फर्स्ट के संयोजक प्रशांत इनामदार ने भी पैदल यात्रियों के व्यवहार को लेकर चिता जताई। उन्होंने कहा कि सड़क पार करते समय मोबाइल फोन और हेडफोन का इस्तेमाल दुर्घटनाओं को बढ़ाता है। पिछले वर्ष कोथरुड के PMPML स्टैंड के पास इसी कारण एक महिला की मौत हो गई थी। इनामदार ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के तहत JM रोड और FC रोड पर चौड़े फुटपाथ बनाए गए, लेकिन उन पर अतिक्रमण इतना है कि वे बेकार साबित हो रहे हैं।