
पुणे महानगरपालिका (सोर्स: सोशल मीडिया)
Pune Property Tax News: पुणे शहर के 1,667 सबसे बड़े प्रॉपर्टी धारकों पर 7,737 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड तोड़ प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। यह एक चौंकाने वाली हकीकत है, जो महानगर पालिका (PMC) के राजस्व प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े करती है। इस सनसनीखेज जानकारी का खुलासा ‘सजग नागरिक मंच’ के अध्यक्ष विवेक वेलणकर ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत किया है। उन्होंने इस भारी भरकम बकाए के चलते हाल ही में घोषित ‘अभय योजना’ को मनपा के बजट के लिए हानिकारक बताते हुए, बड़े बकायेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
बकाया वसूली नहीं होने के कारण मनपा ने एक बार फिर ‘अभय योजना‘ लेकर आई है। शुरू में इस योजना से उन लोगों को बाहर रखा गया था, जिन्होंने पहले इसका लाभ लिया था, लेकिन बाद में मनपा ने अपना फैसला बदलकर उन्हें भी शामिल कर लिया, जिन्होंने इसका फायदा पहले भी उठाया था।
पुणे मनपा पर आरोप लग रहे हैं कि यह योजना केवल बड़े बकायेदारों के लिए लाई गई है। कार्रवाई करने के बजाय, मनपा उन्हें बड़ी छूट दे रही है। आम नागरिकों द्वारा टैक्स नहीं भरने पर उनके घर के सामने बैंड बजाकर बकाया वसूला जाता है, लेकिन इन बड़े बकायेदारों को छूट दी जा रही है। आरटीआई के अनुसार, 1336 मोबाइल टावर कंपनियों पर 4376 करोड़ का बकाया है, और ये सभी मामले कोर्ट में सुनवाई के लिए प्रलंबित हैं।
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सजग नागरिक मंच के अध्यक्ष विवेक वेलणकर ने कहा कि अभय योजना वास्तव में ईमानदार करदाताओं के साथ अन्याय है और इससे मनपा को अपेक्षित राजस्व नहीं मिल रहा है। जब इतनी बड़ी रकम कुछ गिने-चुने बड़े प्रॉपर्टी धारकों के पास अटकी है। ऐसे में छोटे करदाताओं को छूट देने वाली अभय योजना लागू करना मनपा के अपने राजस्व को नुकसान पहुंचाना है। प्रशासनिक और कानूनी स्तर पर समन्वय स्थापित करके बकायेदारों से टैक्स वसूली को प्राथमिकता देनी चाहिए।






