
मुंबई स्थित महाराष्ट्र राजभवन (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Lok Bhavan: केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद महाराष्ट्र राजभवन का नाम अब आधिकारिक रूप से ‘महाराष्ट्र लोक भवन’ कर दिया गया है। महाराष्ट्र और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने इस संबंध में राजभवन सचिवालय को आवश्यक आदेश जारी करते हुए कहा कि यह बदलाव सिर्फ नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि प्रशासनिक और सामाजिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण पहल है।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बताया कि लोकभवन का उद्देश्य इसे अधिक जन-केंद्रित, पारदर्शी और जनकल्याण के लिए समर्पित संस्थान के रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा कि यह भवन अब पारंपरिक रूप से केवल राज्यपाल के निवास और कार्यालय तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे जनता के लिए सहभागिता के केंद्र के रूप में खोला जाएगा।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने स्पष्ट किया कि “लोक भवन तभी अपने वास्तविक स्वरूप को प्राप्त करेगा, जब वह समाज की आशाओं, आकांक्षाओं और समस्याओं को समझते हुए सीधे जनता से जुड़ेगा।” उन्होंने बताया कि यह भवन छात्रों, शोधकर्ताओं, किसानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नागरिक संगठनों और समाज के अन्य वर्गों के साथ संवाद और सहयोग का केंद्र बनेगा, जिससे शासन और जनता के बीच की दूरी और कम होगी।
केंद्र शासनाच्या मार्गदर्शक सूचनेनुसार #महाराष्ट्र राजभवनचे नाव आता अधिकृतपणे ‘महाराष्ट्र लोकभवन’ असे करण्यात आले आहे. महाराष्ट्र व गुजरातचे राज्यपाल आचार्य देवव्रत यांनी या संदर्भात राजभवन सचिवालयाला निर्देश दिले आहेत. राजभवन अधिक लोकाभिमुख, पारदर्शक आणि लोक कल्याणासाठी समर्पित… pic.twitter.com/XdCkJ6wRCh — MAHARASHTRA DGIPR (@MahaDGIPR) December 2, 2025
आचार्य देवव्रत ने कहा कि यह पहल एक ऐसे मंच के रूप में विकसित होगी, जहां राज्य के विभिन्न पक्षों के साथ सकारात्मक चर्चा, समाधान और सामूहिक विकास के लिए कार्रवाई की जा सकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जनभागीदारी को बढ़ावा देने से लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं मजबूत होंगी और शासन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
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राज्यपाल ने कहा कि यह फैसला राजभवन को ज्यादा लोगों पर ध्यान देने वाला, ट्रांसपेरेंट और लोगों की भलाई के लिए समर्पित बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। गवर्नर ने उम्मीद जताई कि राजभवन, जिसे ‘लोकभवन’ के नाम से जाना जाता है, अब सिर्फ गवर्नर का घर और ऑफिस ही नहीं होगा, बल्कि राज्य के नागरिकों, समाज के अलग-अलग तबकों, स्टूडेंट्स, रिसर्चर्स, किसानों और सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइज़ेशन्स के साथ बातचीत और जुड़ाव का सेंटर भी होगा।






