मोबाइल ऐप से भक्तों की जासूसी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: जिस व्यक्ति को लोग गुरु मानकर अपने दुख-सुख साझा करते थे, उसने भरोसे को कलंकित कर दिया। पुणे में एक झोलाछाप बाबा ने श्रद्धा और विश्वास का ऐसा भयानक दुरुपयोग किया कि उसने भक्तों के सबसे निजी पलों तक में घुसपैठ कर ली। यह घटना न केवल इंसानी रिश्तों के भरोसे को तोड़ने वाली है, बल्कि धर्म के नाम पर अपराध करने वालों की घिनौनी सच्चाई को भी सामने लाती है।
पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने एक फर्जी बाबा को गिरफ्तार किया, जिसने तकनीक और अंधविश्वास का खतरनाक मेल कर लोगों की निजता को तार-तार किया।आरोपी की पहचान प्रसाद उर्फ दादा भीमराव तामदार (29 वर्ष, निवासी सुसगांव, मुलशी) के रूप में हुई है। वह बावधन इलाके में खुद को धर्मगुरु और चमत्कारी बाबा बताकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था। आरोपी दावा करता था कि उसे दिव्य शक्ति प्राप्त है और वह लोगों का भविष्य देख सकता है।
बाबा भक्तों को डराता था तुम्हारा जीवन सिर्फ चार-पांच महीने का ही बचा है। इस तरह की डरावनी भविष्यवाणी करके वह मानसिक रूप से उन्हें कमजोर कर देता। फिर कहता कि तुम्हारी समस्या का समाधान मेरे बताए उपायों में ही है।” भक्त उसकी बातों में आकर पूरी तरह उसके भरोसे में आ जाते थे।
आरोपी बाबा पूजा और मंत्र-जाप के बहाने भक्तों से उनका मोबाइल फोन ले लेता। पासवर्ड लेकर उसमें एक हिडन ऐप इंस्टॉल कर देता, जो फोन के कैमरे, माइक्रोफोन और लोकेशन तक पूरा नियंत्रण देता था। यह ऐप बैकग्राउंड में चलते हुए बाबा को भक्तों की हर गतिविधि दिखाता और सुनाता था। बाबा फोन करके पूछता कि आज कौन से कपड़े पहने हैं? कहां हो? क्या कर रहे हो? इससे भक्तों को लगता कि बाबा को उनकी हर बात का दिव्य ज्ञान है और उनका भरोसा और बढ़ जाता।
पुलिस के मुताबिक सबसे गंभीर आरोप यह है कि बाबा कुछ युवा भक्तों को यह कहकर डराता था कि उनकी मृत्यु निश्चित है। उन्हें समाधान के तौर पर कहता कि अपनी प्रेमिका या किसी वेश्या के साथ शारीरिक संबंध बनाओ, तभी संकट टलेगा। फिर मोबाइल फोन को खास दिशा में रखने के निर्देश देता ताकि कैमरे से उनके अंतरंग पलों की रिकॉर्डिंग हो सके।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि बाबा इन रिकॉर्डिंग्स का इस्तेमाल उन्हें डराने या ब्लैकमेल करने के लिए कर सकता था। एक भक्त का मोबाइल बार-बार गर्म होने लगा, तो उसने अपने आईटी विशेषज्ञ दोस्त से उसकी जांच कराई। मोबाइल में एक छिपा ऐप मिला, जो बाहर से कंट्रोल किया जा रहा था। भक्त को याद आया कि फोन सिर्फ बाबा के हाथ में ही गया था। जब उसने अन्य भक्तों से बात की तो उनके फोन में भी वही ऐप पाया गया। यह देखकर सभी भक्त हैरान और गुस्से में आ गए।
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एक भक्त ने तुरंत 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। बावधन पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर बाबा को हिरासत में लिया। शुक्रवार रात को बावधन पुलिस स्टेशन में भक्तों की भीड़ जुट गई और कई ने पुलिस को अपनी कहानी सुनाई। पुलिस ने बाबा के मोबाइल और अन्य उपकरणों की साइबर विशेषज्ञों की मदद से गहन जांच की।
जांच में भक्तों के आरोप सही पाए गए। आरोपी बाबा के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और अंधविश्वास निर्मूलन कानून की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस डिजिटल फॉरेंसिक जांच से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वीडियो और तस्वीरें कहां संग्रहित थीं।
बावधन पुलिस स्टेशन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अनिल विभूते ने बताया कि ऐसे झोलाछाप बाबा धर्म का मुखौटा पहनकर लोगों की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं। नागरिकों से अपील है कि किसी भी अंधविश्वास में न फंसे और अपनी गोपनीय जानकारी किसी को भी न दें। अगर किसी को भी इस तरह की धोखाधड़ी का अनुभव हो तो डरें नहीं और तुरंत पुलिस से शिकायत करें।
पुलिस ने अन्य संभावित पीड़ितों से भी सामने आने और शिकायत दर्ज कराने की अपील की है। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि शिकायतकर्ताओं की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी। पुलिस ने साफ संदेश दिया है। जिसमें धर्म के नाम पर धोखा और शोषण बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुणे की यह घटना एक सबक है कि धर्म के नाम पर आंख मूंदकर भरोसा करना कितना खतरनाक हो सकता है। पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि ऐसे ढोंगी बाबाओं का पर्दाफाश होगा और लोग जागरूक होकर उनकी साजिशों का शिकार होने से बचेंगे।