
अक्षय नागलकर मर्डर केस (सौजन्य-नवभारत)
Akola Murder Case: अकोला शहर के बहुचर्चित मिसिंग प्रकरण में चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब 26 वर्षीय अक्षय नागलकर की गुमशुदगी का मामला हत्या में तब्दील हो गया। 22 अक्टूबर की शाम को अक्षय अपने घर से यह कहकर निकला था कि वह कुछ ही देर में लौट आएगा, लेकिन वह वापस नहीं लौटा। अगले दिन उसकी मां शिला नागलकर ने डाबकी रोड पुलिस स्टेशन में मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक ने तत्काल उपविभागीय पुलिस अधिकारी शहर विभाग, स्थानीय अपराध शाखा और डाबकी रोड पुलिस को मिलाकर आठ विशेष जांच दल गठित किए। इन टीमों को जिले के भीतर और बाहर रवाना किया गया ताकि अक्षय की तलाश की जा सके। लगातार 48 घंटे की अथक मेहनत और तकनीकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने संदिग्ध चंद्रकांत बोरकर को हिरासत में लिया।
पूछताछ में उसने चौंकाने वाली जानकारी दी कि उसने और उसके साथियों ब्रम्हा भाकरे, रोहित पराते, कृष्णा भाकरे, आशु वानखडे, शिवा माली, आकाश शिंदे और अमोल उन्हाले ने अक्षय को पुराने विवाद के चलते भौरद स्थित होटल एमएच-30 में खाने के बहाने बुलाया और उसकी हत्या कर दी। बाद में उसका शव मोरगांव भाकरे स्थित ब्रम्हा भाकरे के खेत में बने टीन शेड में जला दिया।
इस कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने चार मुख्य आरोपियों चंद्रकांत बोरकर, अशोक उर्फ ब्रम्हा भाकरे, कृष्णा भाकरे और आशु उर्फ आशीष वानखडे को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
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इस कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बी. चंद्रकांत रेड्डी के मार्गदर्शन में उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुदर्शन पाटिल, प्रभारी अधिकारी अभिषेक अंधारे, सहायक पुलिस निरीक्षक गोपाल ढोले, पुलिस उप निरीक्षक गोपाल जाधव, पुलिस उप निरीक्षक अनिल चव्हाण और आठ विशेष टीमों ने अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि आगे की कानूनी प्रक्रिया डाबकी रोड पुलिस स्टेशन में जारी है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है। यह प्रकरण जिले में सनसनी का विषय बना हुआ है।
शहर में अक्षय नागलकर की रहस्यमयी गुमशुदगी ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चिंता की लहर दौड़ा दी थी। नागलकर सामाजिक कार्यों में सक्रिय थे, जिससे उनकी अचानक हुई अनुपस्थिति को लेकर जनप्रतिनिधियों ने गंभीरता दिखाई। पूर्व महापौर और भाजपा नेता विजय अग्रवाल ने इसे अपहरण का मामला बताते हुए पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक से तत्काल जांच की मांग की थी।






