लाभार्थियों को ट्रैक्टर की चाबी सौंपते डिप्टी सीएम अजित पवार (सोर्स: एक्स@AjitPawarSpeaks )
पुणे: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व पुणे जिले के पालकमंत्री अजित पवार ने कहा कि मांगने वालों के लिए ‘शेततले’ योजना की सब्सिडी बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने किसानों को आगामी खरीफ सीजन में बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की पर्याप्त उपलब्धता पर ध्यान देने का भी निर्देश दिया। अजित पवार ने विधान भवन में आयोजित जिला पूर्व खरीफ मौसम समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए।
इस बैठक में विधायक राहुल कुल, सुनील शेलके, चेतन तुपे, हिरामन मांडेकर, बाबाजी काले, ज्ञानेश्वर उर्फ मौली कटके, संभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, जिला कलेक्टर जीतेंद्र डूडी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजानन पाटिल, विभागीय कृषि संयुक्त निदेशक दत्तात्रय गावसाने, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी संजय कचोले, आत्मा परियोजना निदेशक सूरज मडके, जिला परिषद कृषि विकास अधिकारी अजित पिसल और अन्य उपस्थित थे।
अजित पवार ने कहा कि पुणे ने कृषि हैकाथॉन की अभिनव पहल को क्रियान्वित किया है। जिसका उपयोग किसानों तक नवीन तकनीक पहुंचाने के लिए किया जाएगा। बजट में कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
एक बार जब किसान इसका उपयोग शुरू कर देंगे और इसके लाभों को समझेंगे तो इसकी मांग और अधिक बढ़ जाएगी। इसके मद्देनजर, विभिन्न फसलों के लिए इस तकनीक को अपनाना सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रावधान किए जाएंगे।
राज्य में पहले ‘मागेल त्याला शेततले’ योजना के तहत अनुरोध करने वालों को 50,000 रुपये की सहायता दी जाती थी, बाद में इसे बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया। डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि अब इसे बढ़ाने की मांग हो रही है और इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा कि इसे कैसे बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाए।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कृषि मशीनीकरण के तहत डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त करने वाले लाभार्थी किसानों को ट्रैक्टर वितरित किए। इस अवसर पर किसानों ने उपमुख्यमंत्री को SMS दिखाया कि इस योजना की सब्सिडी आज उनके बैंक खातों में जमा हो गई है तथा उन्होंने अपनी संतुष्टि व्यक्त की।
पुणे में इस वर्ष एक अभिनव पहल, एग्री हैकाथॉन क्रियान्वित की जा रही है, जिसमें कृषि क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों, स्टार्टअप्स और उद्योग संघों ने प्रतिस्पर्धी के रूप में पंजीकरण कराया है। कृषि क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को आठ श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, तथा प्रतियोगियों द्वारा प्रस्तुत समाधानों की जांच के बाद 1 से 3 जून तक हैकाथॉन का आयोजन किया जाएगा।
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अत्याधुनिक तकनीकों जैसे एआई, रोबोटिक्स तकनीक, जीआईएस, आईओटी, ड्रोन तकनीक, कृषि में मशीन लर्निंग आदि को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा। प्रत्येक श्रेणी में प्रथम विजेता को 25 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। दूसरे विजेता को 15 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।