वरुड में आवारा पशुओं की कोई व्यवस्था नहीं (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Amravati News: वरुड शहर में आवारा पशुओं का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। नगर परिषद की लापरवाही के कारण नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोंडवाडा (पशुबाड़ा) पूरी तरह भर चुका है, जिससे मवेशी अब सड़कों पर खुलेआम घूमते नजर आ रहे हैं। इसके चलते दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बना हुआ है। कुछ दिन पहले अधिवक्ता बहेरे की एक आवारा पशु की टक्कर से दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई थी। इस घटना के बाद कई सामाजिक संगठनों ने नगर परिषद को ज्ञापन सौंपा, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बता दें कि
राष्ट्रसंत कॉलोनी के रिंग रोड इलाके में भारी संख्या में आवारा पशु देखे जा रहे हैं। यह क्षेत्र स्कूलों और ट्यूशन सेंटर्स के पास होने के कारण बच्चों की आवाजाही अधिक रहती है। पैदल चलने वाले, साइकिल और दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह मार्ग अत्यंत खतरनाक हो गया है। कभी भी कोई गंभीर हादसा हो सकता है। शहर के अन्य भागों में भी आवारा मवेशियों की भरमार है। बार-बार निवेदन दिए जाने के बावजूद नगर परिषद प्रशासन निर्षक्रय ही दिखाई दे रहा है, जिससे नागरिकों में आक्रोश बढ़ रहा है।
सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही मवेशियों को पकड़कर कोंडवाडे में नहीं रखा गया, मालिकों पर कड़ी जुर्माना कार्रवाई नहीं की गई या उन्हें गोशालाओं में नहीं भेजा गया, तो उन्हें जनआंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। वरुड के नागरिक अब इन मवेशियों की समस्या से बुरी तरह त्रस्त हो चुके हैं और सख्त प्रतिक्रिया दे रहे हैं। नागरिक अमित जयसवाल और विलास टाकरखेड़े का कहना है कि सुबह-सुबह ही पशु मालिक जानबूझकर अपने मवेशियों को छोड़ देते हैं। जब तक उन पर सख्त जुर्माना नहीं लगाया जाएगा, तब तक हालात नहीं बदलेंगे, जनता अब बेहद परेशान हो चुकी है।
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तो वहीं अचलपुर तहसील के देवमाली ग्राम पंचायत क्षेत्र के गुणवंत महाराज मार्ग पर बड़ी मात्रा में रेत का ढेर डाल दिया गया है, जिसके चलते आम नागरिकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सड़क पर बने इस रेत के अंबार से आवाजाही मुश्किल हो गई है और यातायात व्यवस्था बुरी तरह बाधित हो रही है। केवल यातायात ही नहीं, बल्कि सड़क किनारे की नालियां भी रेत से बंद हो गई हैं, जिसके कारण पानी जमा हो रहा है और बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय नागरिकों ने इस स्थिति पर तीव्र नाराजगी जताई है और ग्राम पंचायत प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।