
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद किरीट सोमैया व अन्य भाजप नेता (फोटो नवभारत)
Nashik Fake Birth Certificate Scam: नासिक जिले के मालेगांव में सामने आए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले ने एक बार फिर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने शुक्रवार (24 अक्टूबर) को मालेगांव पहुंचकर इस मामले की गंभीरता पर सवाल उठाए और कहा कि 946 बेपत्ता लाभार्थियों को तुरंत ‘फरार’ घोषित किया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि इस पूरे घोटाले की जांच एटीएस (ATS) और एनआईए (NIA) जैसी राष्ट्रीय एजेंसियों को सौंपी जाए, क्योंकि यह केवल भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।
सोमैया ने मालेगांव महानगरपालिका आयुक्त, उप जिलाधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक से विस्तृत चर्चा की। बाद में आयोजित पत्रकार परिषद में उन्होंने खुलासा किया कि वर्ष 2024 में मालेगांव महानगरपालिका द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 3,977 जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए थे।
इनमें से 3,273 लाभार्थियों ने प्रमाणपत्र प्राप्त किए, जबकि 56 प्रमाणपत्र मृत व्यक्तियों के नाम पर जारी हुए। इसके अलावा 700 लोग प्रमाणपत्र लेने पहुंचे ही नहीं, और 946 लाभार्थी प्रमाणपत्र लौटाए बिना लापता हैं।
भाजपा नेता सोमैया ने कहा कि यह 946 लोग आखिर गए कहाँ? कोई नहीं जानता कि वे भारत में हैं या देश के बाहर। यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक 811 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें 35 सरकारी कर्मचारी और कुछ वकील भी शामिल हैं। कई आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि कुछ की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी है।
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महानगरपालिका ने अब तक सभी 3,977 प्रमाणपत्र रद्द कर दिए हैं और उन्हें वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की है। अब तक 2,214 प्रमाणपत्र वापस मिल चुके हैं, लेकिन 946 लाभार्थी अब भी बेपत्ता हैं। सोमैया ने कहा कि इतने प्रमाणपत्र रद्द होने के बावजूद कोई भी आवेदक अदालत नहीं गया। इसका मतलब साफ है कि इनमें से कई लोगों का भारत में जन्म ही नहीं हुआ।
उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस प्रकरण की जांच उच्चस्तरीय समिति से कराने की मांग की और चेतावनी दी कि अगले दस दिनों में आरोपियों की संख्या 1,000 के पार जा सकती है। सच सामने आने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।






