नवभारत से बातचीत करते रोकड़े ज्वेलर्स के डायरेक्टर पारस रोकड़े (फोटो नवभारत)
Navbharat Exclusive With Paras Rokade: वर्तमान में सोना सबसे अच्छा निवेश है, खासकर लंबी अवधि में महंगाई से बचाव और पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए यह अच्छे निवेश के रूप में देखा जाता है। गोल्ड ने इतना अधिक रिटर्न दिया है कि लोगों को इसके ऊपर भरोसा है। वहीं फिजिकल गोल्ड की वैल्यू लोगों ने यूक्रैन-रूस युद्ध के दौरान देख भी ली है।
युवा उद्यमी व रोकड़े ज्वेलर्स के डायरेक्टर पारस रोकड़े ने ‘नवभारत’ के साथ हुई एक विशेष में कहा कि देखा जाए तो पिछले 5 वर्षों में गोल्ड ने 200 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। वहीं पिछले 1 वर्ष में ही 40 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
पारस ने कहा कि आज चीन, रूस सहित कुछ देश डॉलर में ट्रेड नहीं करना चाहते जिससे डॉलर टूट रहा है। इसका असर सोने की कीमतों में उछाल के रूप में देखा जा रहा है।
जब-जब इंटरनेशनल मार्केट टूटा है तब-तब सोने की कीमतों में तेजी आई है। सोने की जिस तरह से कीमत बढ़ती जा रही है उसे देखते हुए हर व्यक्ति के पोर्टफोलियो में 15 से 20% गोल्ड का होना चाहिए।
रोकड़े ज्वेलर्स के डायरेक्टर पारस बताते हैं कि अगली दिवाली तक सोना जहां 1,50,000 लाख रुपये तक पहुंच जाएगा, वहीं चांदी 2 लाख रुपये के स्तर पर नजर आएगी। सीजन में सोने की डिमांड बढ़ती है। सोना जब 100 रुपये था तब भी महंगा लगता था, जो कि आज इस रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद भी लोगों को महंगा लगता है लेकिन सोने की खरीदी पहले की तरह होती है।
वहीं चांदी का उपयोग ईवी और सोलर पैनल सेक्टर में बहुत अधिक बढ़ गया है। इससे चांदी की डिमांड बढ़ती चली जा रही है जिससे इसकी कीमतें उछाल पर उछाल मार रही हैं। वहीं प्लेटिनम ज्वेलरी को नई जनरेशन द्वारा काफी पसंद किया जाता है। इसकी डिजाइन फैंसी होने के कारण युवाओं को काफी आकर्षित करती है लेकिन यह सोने की जगह नहीं ले पायेगा।
वहीं डायमंड का क्रैज हमेशा से रहा है और आगे भी रहेगा। लैब ग्रोन डायमंड ओरिजिनल की बराबरी कभी नहीं कर सकता है। इसके चलते इसका मार्केट में अभी उठाव नहीं है।
वे बताते हैं कि रोकड़े ज्वेलर्स अपनी परंपरा और अपनी आकर्षक डिजाइनों के लिए जाना जाता है जो विरासत और विविधता का प्रदर्शन करती हैं। हम सोने, चांदी, हीरे और अन्य कीमती धातुओं में विभिन्न प्रकार के पारंपरिक और समकालीन आभूषणों की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करते हैं। यहां हर वर्ग की पसंद का ख्याल रखा जाता है।
आज लोगों की पसंद के अनुसार डिजाइन को गहराई से समझकर उन्हें आभूषण के रूप में तैयार करने के चलते ही रोकड़े ज्वेलर्स ने अपनी एक खास जगह बनाई है। कारीगरी के साथ छोटे से रूप से शुरू हुआ रोकड़े ज्वेलर्स आज सेंट्रल इंडिया में एक जाने-माने ज्वेलर्स के रूप में अपनी एक विशेष पहचान बना चुका है।
रोकड़े ज्वेलर्स में पांचवीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहे पारस ने आगे की प्लानिंग के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि रोकड़े ज्वेलर्स की शुरुआत मारकंड रोकड़े द्वारा की गई थी, जो कि समय के साथ आगे बढ़ते-बढ़ते आज इस ऊंचाई पर पहुंच गया है। आगे हमारा मानस मध्य भारत व महाराष्ट्र में हर वर्ष 4 शोरूम खोलने का है। इसमें मुंबई और पुणे भी शुरुआत करना है।
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अगले माह ही गोंदिया में 10,000 स्क्वायर फीट में शोरूम खुलने वाला है। इसके अलावा चंद्रपुर में 24,000 स्क्वायर फीट में शोरूम खोलने की योजना है जो कि महल शोरूम से बड़ा होगा। साथ ही यवतमाल में एक शोरूम रहेगा। इसके बाद अमरावती और गड़चिरोली पर भी फोकस किया जायेगा।
पासर ने बताया कि इस समय रोकड़े ज्वेलर्स के महल, इतवारी, एयरपोर्ट, लक्ष्मीनगर, हिंगना, कोराडी और भंडारा में शोरूम सफलतापूर्वक चल रहे हैं। इनमें महल का ऑल न्यू शोरूम सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा शोरूम बन चुका है। पारस एक यंग उद्योजक के साथ जेमोलॉजिस्ट भी हैं जिन्हें पुखराज, नीलम, पन्ना, रूबी जैसे कलर स्टोन का भी पूरा नॉलेज है।