पुणे महानगरपालिका (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Pune News In Hindi: पुणे महानगर पालिका (मनपा) की शहरी गरीब योजना और अंशदायी चिकित्सा सहायता (सीएचएस) योजना ने पिछले डेढ़ साल में 26,000 नागरिकों को इलाज की सुविधा दी है। इस अवधि में मनपा ने 168 करोड़ रुपये खर्च किए, यानी प्रति लाभार्थी औसतन 64,615 रुपये का खर्च हुआ।
निजी अस्पतालों में बढ़ती महंगाई के बीच इन योजनाओं से गरीब और जरूरतमंद परिवारों को बड़ी राहत मिली है। बता दें कि मनपा की सीएचएस योजना वर्ष 1967 से और शहरी गरीब योजना वर्ष 2011 से लागू है। हाल के वर्षों में लाभार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते इन योजनाओं पर सालाना लगभग 100 करोड़ रुपये का खर्च हो रहा है।
पिछले छह महीनों में मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। निजी अस्पतालों में उपचार की दरें आम नागरिकों की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। चिकित्सा महंगाई हर साल औसतन 15 से 18 प्रतिशत बढ़ती है, जिससे इलाज पर लाखों रुपये खर्च करना पड़ता है। ऐसे में शहरी गरीब योजना मरीजों को दवाएं, जांच, सर्जरी और अन्य चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराती है।
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संलग्न निजी अस्पतालों में इलाज कराने बाले पात्र मरीजों के मेडिकल बिल का 50 प्रतिशत मनपा देती है, सहायता राशि की अधिकतम सीमा 1.60 लाख रुपये है। इस योजना के तहत किडनी, हृदय रोग और कैंसर जैसे गंभीर रोगों के लिए प्रति वर्ष दो लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है। यह योजना मनपा के कर्मचारियों, अधिकारियों और नगरसेवकों (सेवारत व सेवानिवृत्त) व उनके परिवारों के लिए है। इसमें 90 प्रतिशत खर्च मनपा और 10 प्रतिशत कर्मचारी द्वारा वहन किया जाता है। नगरसेवकों को पूरे इलाज का खर्च प्रतिपूर्ति के रूप में दिया जाता है।